असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने किया मुसलमानों का आवाहन !
गुवाहाटी (असम) – देश में बहुसंख्यक लोग सनातन धर्मी हैं । इसलिए इस्लाम धर्म का पालन करनेवाले ईद के दिन गाय की बलि चढाकर सनातन धर्मियों की भावना आहत न करें । ईद के दिन कुर्बानी देने के लिए गाय की बलि अनिवार्य नहीं । देश के बहुत से लोग सनातन अथवा हिन्दू धर्म के हैं । हिन्दू गाय को मां समान मानते हैं । इसलिए मुसलमान गाय का बलि क्यों चढाएं ? अखिल भारतीय युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष, असम राज्य जमीयत उलमा के अध्यक्ष, सांसद बदरुद्दीन अजमल ने ईद में आवाहन किया कि मुसलमान गाय की बलि न दें !
अजमल आगे बोले, ‘इस्लाम में कीडे, कुत्ते अथवा बिल्ली को भी कष्ट देने की अनुमति नहीं है । यदि कोई बिल्ली अथवा कुत्ता को हानि पहुंचाता है, तो उसे स्वर्ग में स्थान नहीं मिलता ।’
संपादकीय भूमिकायह ईद के समय क्यों बताना पडता है ? देश में प्रतिदिन सर्वत्र मुसलमान कसाई गोहत्या करते हैं । देश के सभी मुसलमान तथा धार्मिक नेता उसे रोकने का आवाहन क्यों नहीं करते ? |