इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरणपूरक नहीं ! – शोध का निष्कर्ष

इलेक्ट्रिक वाहन (प्रातिनिधिक छायाचित्र)

नई देहली – इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरणपूरक नहीं, एक शोध के निष्कर्ष से यह सामने आया है । इस निष्कर्ष में कहा गया है कि एक इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहन के लिए प्रयोग किया जाने वाला कच्चा पदार्थ भूमि से निकालते समय ४ सहस्र २७५ किलो कचरा और रेडियोधर्मी अवशेष निर्माण होता है ।

१. यदि इलेक्ट्रिक वाहन कोयले से निर्माण विद्युत द्वारा चार्ज कर डेढलाख किलोमीटर चलाया, तो पेट्रोल पर चलने वाली गाडी की अपेक्षा केवल २० प्रतिशत अल्प कार्बन निर्माण होगा । भारत में ७० प्रतिशत विद्युत कोयले से निर्माण होती है ।

२. ऑस्ट्रेलिया में किए शोध के अनुसार ३ सहस्र ३०० टन लिथियम कचरे में से केवल २ प्रतिशत का पुन: प्रयोग किया जाता है, तो ९८ प्रतिशत प्रदूषण फैलाता है । लिथियम विश्व का सबसे हल्की धातु है । इस कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में इसका प्रयोग किया जाता है । लिथियम को पर्यावरणपूरक मानकर अच्छा कहा जाता है; परंतु इसे भूमि से निकालना पर्यावरण के लिए ३ गुना विषैला है ।

३. शोधकर्ताओं के अनुसार, विश्व में लगभग २०० करोड वाहन हैं । इनमें से केवल १ करोड वाहन इलेक्ट्रिक हैं । यदि सभी २०० करोड वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं, तो इनका निर्माण करते समय होने वाले कचरे का निस्तारण करने के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध नहीं हैं ।