इसी प्रकार रद्द हुए रेल टिकट से ३ लाख लोगों को लाभ होगा तथा रेल विभाग पर २ करोड ४३ लाख रुपये का व्यय !
कोटा (राजस्थान) – रद्द किए रेल टिकट से ३५ रुपए वापस प्राप्त करने के लिए यहां के सुजीत स्वामी नामक एक अभियंता को रेल प्रशासन के विरोध में ५ वर्ष संघर्ष करना पडा । सूचना का अधिकार के अन्तर्गत ५० आवेदन, ४ सरकारी विभागों को पत्र तथा प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, वित्त मंत्री, जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद इत्यादि को अनेक बार ट्वीट,५ वर्ष के कडेपरिश्रम के उपरांत, स्वामी को ३५ रुपए वापस मिले । परिणामस्वरूप, २ लाख ९८ सहस्र नागरिकों को भी ऐसे रद्द किए टिकिटों से ३५ रुपये की राशि मिलेगी । सरकारी सूत्रों ने कहा कि इससे भारतीय रेल को २ करोड ४३ लाख रुपए की लागत आएगी ।
Kota-based engineer Sujeet Swami said he filed nearly 50 #RTI applications and shot off letters to four government departments in his fight to get back Rs 35 charged as service tax despite cancelling his ticket before the GST regime was implemented.https://t.co/4r2Usc8IVj
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) May 30, 2022
१. स्वामी ने २ जुलाई २०१७ को यात्रा करने के लिए अप्रैल २०१७ में टिकट आरक्षित किया था । १ जुलाई २०१७ को भारत में ‘वस्तु एवं सेवा कर’ लागू हुआ । इसके कुछ दिवस पूर्व, स्वामी ने अपना रेल टिकट रद्द किया, परंतु वह रद्द करते समय रेल विभाग ने सेवा कर के रुप में ३५ रुपये लिए, अर्थात् टिकट का मूल्य वापस करते समय कर के ३५ रुपये काटे गए ।
२. स्वामी द्वारा किए सूचना के अधिकार के अन्तर्गत आवेदन के उत्तर में सरकार ने स्पष्ट किया कि, जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व टिकट आरक्षित किया, फिर भी यात्रा १ जुलाई २०१७ के उपरांत की होने से भले ही टिकट १ जुलाई के पूर्व रद्द किया होगा, तो भी उस पर सेवा कर लागू होगा । यह कर सरकार द्वारा आनेवाले समय में नहीं लगाया जाएगा,ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया । इसलिए स्वामी को मई २०१९ में ३३ रुपये वापस किए गए । ३५ रुपये पर २ रुपये की कटौती कर के रुप में की गई, ऐसा उस समय बताया गया ।
३. इस कारण, स्वामी २ रुपये वापस लेने के लिए अगले ३ वर्ष संघर्ष करते रहे । अंतत: रेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गत सप्ताह एक पत्र देकर सूचित किया कि, वर्ष २०१७ में इस प्रकार टिकट रद्द कराने वाले २ लाख ९८ सहस्र नागरिकों को उनके सम्पूर्ण ३५ रुपये वापस किए जाएंगे । उसकी प्रक्रिया आरंभ है । स्वामी को उसी दिवस २ रुपए वापस भी किए गए ।
४. सूचना के अधिकार के आवेदन का उत्तर देते हुए सरकार ने बताया कि, लगभग ३ लाख नागरिकों को ३५ रुपये देने के लिए २ करोड ४३ लाख रुपये व्यय किए जाएंगें ।
संपादकीय भूमिका
|