भारत सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात पर बंदी

रशिया-यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में गेहूं के मूल्य में अत्यधिक बढोतरी का परिणाम

नई दिल्ली – गेहूं के बढते मूल्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है । एक अधिसूचना में सरकार ने कहा है कि देश की खाद्यान्न सुरक्षा को ध्यान में लेकर यह कदम उठाया गया है । गेहूं को ‘मुक्त श्रेणी’ से हटाकर ‘प्रतिबंधित श्रेणी’ में रखा गया है । उसी समय पडोसी देश और गरीब देशों को सहायता करने के लिए  यह करना आवश्यक है । इस कारण जिन देशों को गेहूं की आवश्यकता अधिक रहती है, उन्हें निर्यात जारी ही रहेगा ।

१. रशिया और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण विश्वभर में गेहूं के मूल्य में ४० प्रतिशत बढोतरी हुई है । इस कारण भारत से निर्यात बढा है । मांग बढने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे का मूल्य बहुत बढा है । अनेक बडे राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया अत्यंत धीमी गति से चल रही है । इसका कारण किसानों को न्यूनतम आधारभूत मूल्य की अपेक्षा (एम.एस.पी. की अपेक्षा) बाजार में अधिक भाव मिल रहा है । इस बार उत्पादन में कमी होने की सम्भावना होने से भी यह निर्णय लिया गया है ।

२. भारत विश्व का दूसरे क्रमांक पर गेहूं उत्पादक देश है । व्यापारियों के कहे अनुसार सरकार के अंदाजानुसार १ सहस्र ५ करोड टन की तुलना में इस वर्ष ९५० करोड टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है । कांडला बंदरगाह पर गेहूं का भाव २ सहस्र ५५० रुपए प्रति क्विंटल है । सरकार निर्यात बंद करेगी, इस भय से निर्यातकों ने जल्द से जल्द माल भेजना आरंभ किया था ।