अपराधियों की जैविक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार पुलिस को मिलेगा !
नई देहली – लोकसभा में गुनहगार प्रक्रिया (पहचान) २०२२ विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक के कारण दोषी तथा बंदी बनाए गए अपराधियों, गुनहगारों के हाथ एवं पांव के चिह्न, आंखों की पलकें , हस्ताक्षर, भौतिक तथा जैविक प्रादर्श (नमूने), साथ ही उन के विश्लेषण की जानकारी पुलिसवालों को मिलेगी । ७ वर्षों से कम दंड प्राप्त अपराधी गुनहगार, तथा महिला एवं बच्चों को छोडकर अन्य अपराधियों गुनहगारों के जैविक प्रादर्शनमुने लिए जाएंगे । अन्यों को स्वेच्छा से ऐसे प्रादर्श देने की अनुमती है । इन जैविक प्रादर्शाें से संबंधित जानकारी सुरििक्षत रखने हेतु केंद्रीय तथा राज्य अन्वेषण यंत्रणाओं को उन के स्तर पर नियम बनाने के अधिकार रहेंगे । जबतक न्यायालय स्पष्ट आदेश न दे, तब तक निर्दोष छूटे व्यक्तिी के प्रादर्श नहीं रखे जाएंगे, ऐसा केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है ।