श्रीलंका ‘दिवालिया’ घोषित होने की कगार पर !

युद्ध के कारण पेट्रोल का मूल्य बढने से श्रीलंका में असीमित महंगाई !

  • भारत में ऐसा न हो, इसलिए भारत ने तेल एवं नैसर्गिक वायु के संदर्भ में स्वयंपूर्ण होने के लिए तुरंत कृत्य करना चाहिए ! – संपादक

  • श्रीलंका की इस स्थिति का अनुचित लाभ ऊठाते हुए यदि चीन उस पर कब्जा कर ले, तो आश्चर्य नहीं लगेगा ! – संपादक
प्रतिकात्मक छायाचित्र

कोलंबो – रूस – युक्रेन युद्ध के दृश्य परिणाम विविध देशों में प्रतीत होने लगे हैं । श्रीलंका में पेट्रोल का मूल्य बढने से सभी क्षेत्रो में महंगाई बढ गई है । उसके साथ ही अन्न के अभाव का संकट भी आ गया है । कोरोना के कारण इस देश को भयंकर आर्थिक अडचनों का सामना करना पड रहा है । दूध का मूल्य स्वर्ण से अधिक हो गया है । महंगाई के कारण गैस का मूल्य गगन को छू रहा है । इसलिए लगभग १ सहस्र बेकरियां बंद हो गई हैं । ब्रेड के एक नग की कीमत १५० रु से अधिक हो गई है । इन सबके कारण महंगाई बढकर उधार राशि बढने से श्रीलंका ‘दिवालिया’ घोषित होने की कगार पर है ।

श्रीलंका में पूरे दिन में ७ घंटे से अधिक समय बिजली न मिलने से लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है । श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में अंतर्गत पर्यटन व्यवसाय का महत्त्व अनन्य साधारण है । कोरोना के कारण पर्यटन व्यवसाय पहले से ही ठप्प हो गया है । लगभग ५ लाख लोगों की रोजी-रोटी पर्यटन पर अवलंबित है और २० लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन के साथ जुडे हुए हैं । जनवरी में श्रीलंका का विदेशी चलान सुरक्षित निधि ७० प्रतिशत अल्प होकर २.३६ अबज डॉलर जितनी हुई है । आगामी १२ माह में श्रीलंका को ५४ सहस्र करोड रुपए का देशांतर्गत एवं विदेशी ऋण चुकाना है ।