कांग्रेस के राज्य की अपेक्षा प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में अधिक सुरक्षित ?

वरिष्ठ पत्रकार श्री. भाऊ तोरसेकर

     ‘मुझे विश्वास है कि इस विषय का शीर्षक देखकर मैं अति अथवा अतिशयोक्ति कर रहा हूं, ऐसा लगेगा; क्योंकि पाकिस्तान भारत का शत्रु देश है और गत २५ से ३० वर्ष इस देश ने भारत में निरंतर खूनखराबा किया है । पाकिस्तान के सर्व सरकारी तंत्र, सेना मिले उस दिशा में और मिले उस मार्ग से भारत में खूनखराबा और हिंसा करने का कार्य करते रहते हैं । ऐसा पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुरक्षित है और भारत में कांग्रेस का एक राज्य प्रधानमंत्री मोदी के लिए असुरक्षित है । हां यह किसी को भी अति लगेगी; परंतु मैंने अत्यधिक जागरूकता और दायित्व से उक्त शीर्षक दिया है । इसके प्रत्येक शब्द की गंभीरता से जांच की जाएगी, इसका भी मुझे विश्वास है । इसलिए पंजाब के फिरोजपुर, भटिंडा क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सभा के लिए गए थे अथवा हुसेनीवाला में युद्ध संग्रहालय का अवलोकन करने गए थे, तब जिस प्रकार उनकी सुरक्षा संकट में डाली गई, उसमें पंजाब की कांग्रेस का दायित्व नहीं टाला जा सकता; इसलिए मैंने अत्यंत दायित्वपूर्वक यह विधान, युक्तिवाद कर रहा हूं । जिस समय मैं पाकिस्तान में नरेंद्र मोदी को सुरक्षित कहता हूं, तब सैकडों लोग प्रमाण मांगेंगे, इसका मुझे विश्वास है । उससे भी परे प्रधानमंत्री मोदी पंजाब गए थे, तब किसी कारणवश उन्हें सडक के मार्ग से वहां आना पडा और उनका मार्ग रोका गया । इसलिए एक बडे उड्डान पुल पर वे लगभग २० मिनट फंसे रहे । उसी उड्डान पुल पर यातायातवाले दूसरे भाग पर कुछ फुट की दूरी पर प्रदर्शनकारी होहल्ला कर रहे थे । यह सर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षाव्यवस्था पर पोती गई कालिख है और उसके लिए केवल पंजाब सरकार एवं पंजाब पुलिस उत्तरदायी हैं । जिस प्रकार पंजाब पुलिस से यह लापरवाही हुई है, उसका दायित्व अपनेआप सत्ताधारी कांग्रेस दल पर आता है । जिस दल के दो प्रधानमंत्री इसी असावधानी और बेफिकिर सुरक्षाव्यवस्था के कारण मारे गए, उस कांग्रेस द्वारा ऐसा होना अधिक गंभीर है । इसलिए मैं पाकिस्तान से तुलना कर रहा हूं ।

संकलनकर्ता : वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक श्री. भाऊ तोरसेकर

प्रधानमंत्री मोदी अचानक शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान में जाकर सुरक्षित लौटे; परंतु पंजाब में उनके प्राणों के लिए संकट उत्पन्न होना

     ठीक ६ वर्ष पूर्व लगभग २५ अथवा २६ दिसंबर २०१५ को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में रशिया और पुराने सोवियत देश के दौरे से लौटते समय अफगानिस्तान में रुके थे । वहां उद्घाटन के कुछ कार्यक्रम संपन्न कर स्वदेश लौटने के लिए निकले । तब वे अचानक लाहोर पहुंचे थे । विशेष यह है कि यह उनके किसी पूर्व कार्यक्रम में निश्चित नहीं था । प्रधानमंत्री का कर्मचारी वर्ग विमान में बैठ रहा था, तब अचानक अंतिम क्षण उन्हें बताया गया कि वे कुछ घंटोंके लिए पाकिस्तान में रुकनेवाले हैं । अपना विमान पाकिस्तान में उतरनेवाला है । वहां कुछ समय व्यतीत करने के पश्चात देहली प्रस्थान करेंगे । यह अंतिम क्षण पर प्रधानमंत्री मोदी के निकटवर्तियों को बताया गया था और वैसा ही हुआ ।

     पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुश्तैनी निवास स्थान पर एक घरेलू कार्यक्रम था, वहां नरेंद्र मोदी पहुंचे । विशेष यह था कि इस संबंध में पाकिस्तान के गुप्तचर विभाग को भी ज्ञात नहीं था, परंतु अचानक नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे । वे निःशंक होकर शरीफ के घर पहुंचे और उनके कार्यक्रम में सम्मिलित हुए । तत्पश्चात वे लाहोर के हवाई अड्डे पर पहुंचकर भारत लौटे । उनका बाल भी बांका नहीं हुआ । किंबहुना वैसी आशंका भी व्यक्त नहीं हो सकी और यह सब अचानक हुआ ! यह क्यों बताया जाए ? क्योंकि उन्हें शरीफ का व्यक्तिगत स्तर पर निमंत्रण था; इसलिए मोदी वहां गए थे । इसमें यह देखने जैसा है कि, दो व्यक्तियों के बीच विश्वास कितना होता है । पाकिस्तान शत्रुदेश है और शत्रु देश के प्रधानमंत्री ने आमंत्रण दिया था, उनपर निर्भर होकर मोदी वहां पहुंचे थे । वहां के प्रधानमंत्री ने भारत जैसे खंडप्राय देश के प्रधानमंत्री उनके देश में आ रहे हैं और उनका बाल भी बांका नहीं होना चाहिए, इसकी सतर्कता बरती थी । नरेंद्र मोदी का विमान वहां सुरक्षित उतरा, उन्होंने कार्यक्रम संपन्न किए, विमान में बैठे और उनका विमान देहली की दिशा में लौटा । यह सर्व सुरक्षित संपन्न हुआ । इतना भी पंजाब में नहीं हो सका ।

कांग्रेस दल, पंजाब का प्रशासन और पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा संकट में डालना तथा वे सबसे बढकर होना

     नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री है और उसी संघराज्य में पंजाब नाम का राज्य आता है । जिस पंजाब में आज कांग्रेस दल की सरकार होते हुए भी वहां अंधेर मचा हुआ है । उसमें मुख्यमंत्री विरुद्ध प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कौन कौन हैं । कुछ मास पूर्व ही जिस कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने दल से बाहर निकलकर अलग दल स्थापित किया है, उन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस सर्व घटनाक्रम पर गंभीर आरोप लगाए हैं । उन्होंने कहा, ‘उसी मार्ग से कुछ समय पूर्व मैं गया था, तब मार्ग खुला हुआ था । आधे घंटे के उपरांत प्रधानमंत्री वहां से जा रहे थे, तब उस मार्ग पर अचानक प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए और यातायात रोका गया ।’ इस रोके हुए यातायात में २० मिनट फंसने के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी हवाई अड्डे पर लौट आए तथा वहां से देहली के लिए रवाना हुए । पहले से निश्चित फिरोजपुर की सभा निरस्त करनी पडी । हवाई अड्डे से देहली के लिए रवाना होने से पूर्व मोदीजी ने वहां के पंजाब पुलिस महानिदेशक से कहा, ‘अपने मुख्यमंत्री से कहिए कि मैं सुरक्षित भटिंडा हवाई अड्डे पर पहुंच गया ।’ इस एक वाक्य से मोदी अपना संदेह व्यक्त कर रहे हैं कि कांग्रेस, पंजाब के राज्य प्रशासन और पुलिस तंत्र की मिलीभगत से उनके साथ खूनखराबा करने की योजना बनी थी ।’ ‘अपने मुख्यमंत्री से कहिए कि मैं सुरक्षित भटिंडा हवाई अड्डे पर पहुंच गया’, यह एक वाक्य बहुत महत्त्वपूर्ण है । इससे कांग्रेस किस स्तर पर जाकर व्यक्तिद्वेष करती है, यह ज्ञात होता है; क्योंकि इस घटना के उपरांत चर्चा प्रारंभ हो गई । तब सभा में भीड नहीं थी; इसलिए प्रधानमंत्री लौट गए, इतनी निर्लज्ज प्रतिक्रिया कांग्रेस दल ने दी । नरेंद्र मोदी की सभा में भीड कितनी एकत्रित हुई, यह विषय नहीं था, अपितु देश के प्रधानमंत्री का घेराव किया गया था । शिष्टाचार (प्रोटोकॉल) कहता है कि प्रधानमंत्री जिस मार्ग से जानेवाले हैं, वह संपूर्ण मार्ग पहले से सुरक्षित किया जाता है ।

     वहां कोई गडबडी नहीं होगी, इसकी सावधानी स्थानीय पुलिस बरतती है । वातावरण खराब होने के कारण सभा के स्थान पर हेलिकॉप्टर से जाना संभव नहीं था । स्थानीय और पंजाब पुलिस द्वारा अनुमति देने के उपरांत ही सडक से जाना निश्चित हुआ, यह पंजाब सरकार को ज्ञात था । पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कहते हैं, ‘यह अचानक निश्चित हुआ !’ यह अचानक निश्चित नहीं हुआ था । आप प्रधानमंत्री का स्वागत करने नहीं जाएंगे, यह एक रात्रि पूर्व निश्चित किया; परंतु वहां आपके वित्तमंत्री मनजीत सिंह बादल पहुंचे थे । प्रधानमंत्री सडकमार्ग से जानेवाले हैं, यह आपके वित्तमंत्री को ज्ञात होगा, तो पंजाब सरकार को भी ज्ञात था । पंजाब की पुलिस और मनजीत सिंह बादल ने अनुमति देने के पश्चात ही प्रधानमंत्री उस मार्ग से जाने के लिए निकले थे । उस मार्ग पर अचानक २०-२५ ट्रैक्टर आते हैं और कुछ सौ प्रदर्शनकारी एकत्रित होते हैं, यह कैसे संभव है ? यदि प्रधानमंत्री जानेवाले हैं इसलिए वह मार्ग ‘सैनेटाइज्ड’ (सुरक्षित) किया हुआ हो, तो वहां चिडिया भी पर नहीं मार सकती । तब ये अचानक कैसे हुआ ? कि जानबूझकर किया गया था ? नरेंद्र मोदी को पंजाब में मिलनेवाला जो प्रतिसाद है, उससे घबराकर पंजाब की कांग्रेस सरकार ने और दल ने ऐसा अपशकुन करने का प्रयत्न किया था क्या ? और यदि किया हो, तो कोई बात नहीं; क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी इन सबसे बढकर हैं ।

– वरिष्ठ पत्रकार श्री. भाऊ तोरसेकर