सरकारी मदरसे धार्मिक शिक्षा नही दे सकते ! – गोहाटी उच्च न्यायालय

सरकारी मदरसों को सामान्य पाठशालाओं मे परावर्तीत करने के असम राज्य सरकार के निर्णय का समर्थन

यही निर्णय अब देश के हर राज्य के मदरसों मे प्रभावित करना आवश्यक है। मदरसों को देशका हर राज्य तथा केंद्र सरकार करोडों रुपयों का अनुदान देता है, वह भी रोकना आवश्यक है ! – संपादक

प्रातिनिधिक छायाचित्र

गोहाटी (असम) – सरकारी मदरसे धार्मिक शिक्षा नही दे सकते, ऐसा निर्णय गोहाटी उच्च न्यायालय ने दिया। राज्य के मदरसों को सामान्य पाठशालाओं मे परावर्तीत करने के राज्य सरकार के निर्णय के विरोध मे उच्च न्यायालय मे प्रविष्ट की गर्इ याचिका पर यह निर्णय दिया गया। जब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा २०२० मे शिक्षामंत्री के पदपर कार्यरत थे, तब कानून पारित कर राज्य के मदरसों को सामान्य पाठशालाओं मे परावर्तीत किया था। उन्होंने ‘ मदरसा शिक्षा कानून १९९५ ’ खारिज कर दिया था।

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि, विधीमंडल तथा प्रशासन द्वारा किया गया यह पालट निजी अथवा सार्वजनिक मदरसों हेतु नही, बल्की केवल सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त मदरसों हेतु है। यह राज्यघटना की धारा २८(१) के अनुसार अनुकूल नही है।  सरकारी मदरसों के शिक्षकोंकी नौकरी कायम रहेगी। उन्हें आवश्यकता नुसार अन्य विषय पढाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।