द्रमुक सरकार ने तमिलनाडु में आत्महत्या जांच के प्रकरण में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ सहयोग करने को अस्वीकारा !

कॉन्वेंट स्कूल में धर्म परिवर्तन के दबाव के कारण लावण्या नाम की छात्रा ने की आत्महत्या !

क्या ईसाई प्रेमी और हिन्दू द्वेषी द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कळघम – द्रविड़ प्रगति संघ) सरकार कभी हिन्दुओं का समर्थन और ईसाई मिशनरियों का विरोध करेगी ? हिन्दुओं को लगता है, कि केंद्र सरकार को इस प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहिए और सी.बी.आई. से जांच करानी चाहिए ! – संपादक

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा प्रियंका कानूनगो

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु के तंजावुर के माइकलपट्टा में “सेक्रेड हार्ट हाई स्कूल” की १२वीं कक्षा की  एक छात्रा को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रताडित किया गया था । कुछ दिन पहले उसने आत्महत्या कर ली । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा प्रियंका कानूनगो ने कहा कि, आयोग अब इस प्रकरण की जांच करेगा । कानूनगो स्वयं ३०  जनवरी को तंजावुर के लिए रवाना होंगी । आयोग ने कहा कि, तमिलनाडु सरकार ने जांच में सहयोग करने के आयोग के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है । उधर भाजपा ने मांग की है, कि प्रकरण की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) से कराई जाए ।

१. आयोग ने एक वक्तव्य में कहा, कि यद्यपि उसने तमिलनाडु सरकार से जांच में सहायता करने का अनुरोध किया था, तथापि तमिलनाडु सरकार ने चुनाव आचार संहिता का कारण देते हुए स्थानीय निकायों की सहायता करने से मना कर दिया है । किन्तु, उनका अन्वेषण दल पूछताछ के लिए तमिलनाडु जाएगा एवं यह भी कहा कि संबंधित पुलिस अधीक्षक और जांच अधिकारी उस समय उपस्थित रहें ।

२. आयोग ने प्रकरण में तमिलनाडु सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है । कानूनगो ने कहा, कि राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस भेज कर २१ जनवरी तक प्रकरण की रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है ; किन्तु,    महानिदेशक ने अभी तक रिपोर्ट नहीं दी है । (इससे यह प्रतीत होता है, कि राज्य के पुलिस महानिदेशक कानून का उल्लंघन कर, एक हिन्दू युवती के हत्यारों का समर्थन करने का प्रयत्न कर रहे हैं । केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर मृत हिन्दू युवती के परिजनों को न्याय दिलाना आवश्यक है ! – संपादक)