इस पूरे मामले की गहराई से जांच होकर संबंधितों पर कठोर कार्यवाही होना हिन्दुओें को अपेक्षित है ! – संपादक
चेन्नई – तमिलनाडु के तंजावूर में धर्मपरिवर्तन के लिए मना करने पर कॉन्वेंट विद्यालय द्वारा अत्याचार होने के कारण लावण्या, इस विद्यार्थी ने आत्महत्या कर ली । लावण्या के आत्महत्या करने के पहले का एक वीडियो सामने आया है । इस वीडियो में उसने ‘मुझे छात्रावास में काम करने को मजबूर किया गया और मुझे पढने नहीं दिया गया’, ऐसी शिकायत करने के कारण उसके विद्यालय द्वारा बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन करने का आरोप लगाया है । वीडियो में लावण्या ने आरोप किया है कि,
Mother of M Lavanya, who committed suicide because of forced conversion by missionary school, blasts media for doubting her daughter’s dying declarationhttps://t.co/22T7bFD449
— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 22, 2022
१. छात्रावास की महिला ‘वॉर्डन’ (व्यवस्था देखने वाला अधिकारी) समाया मेरी ने मुझे हिसाब करने को लगाया । मुझे ‘पढाई करनी है’, ऐसा कहने पर ‘यह काम समाप्त कर अन्य काम करो’, ऐसा वह कहती थी । मैंने हिसाब ठीक से किया, तो भी हिसाब गलत हुआ’, ऐसा वह कहती और मुझे पुन: हिसाब करने को कहती । समाया मेरी ने मुझे छात्रावास का गेट बंद करना और खोलना, पानी का पंप चालू और बंद करना आदि काम बताए ।
२. ‘विद्यालय में बिंदी ना लगाएं’, ऐसा नियम है क्या’, ऐसा मैंने उससे पूछा तो उसने ऐसा कुछ नहीं है, उत्तर दिया ।
३. दसवीं कक्षा में प्रथम स्थान आने पर मुझे अच्छे से पढाई करनी चाहिए थी; परंतु मेरे ऊपर सौंपे कामों के कारण मैं अच्छे से पढाई नहीं कर पाई । पारिवारिक समस्याओं के कारण मैंने इस वर्ष विद्यालय में देर से प्रवेश लिया ।
४. इन सभी कारणों से मैं पढाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकी और मुझे कम अंक मिले । मुझे यह सहन नहीं हो रहा था; इसलिए मैंने विष पिया ।
५. बीमार होने के कारण विद्यालय ने मुझे घर जाने दिया । उस समय ‘मैंने विष पिया’, यह विद्यालय व्यवस्थापन को पता नहीं था ।
६. ‘मुझे पोंगल के लिए घर जाना था, परंतु पढाई का कारण बताते हुए वॉर्डन ने मुझे जाने की अनुमति ना देते हुए छात्रावास में ही रुकने को बाध्य किया’, ऐसा आरोप लावण्या ने वीडियो में लगाया ।
वीडियो बनाने वाले की जांच करनी चाहिए ! – उच्चतम न्यायालय
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुराई खंडपीठ ने लावण्या की मृत्यु के कुछ दिन पहले उसके द्वारा किए आरोपों का वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को जांच के लिए उपस्थित रहने का और वीडियो बनाने के लिए प्रयोग किए मोबाइल को जमा करने का आदेश दिया । ‘इस घटना की आपराधिक जांच विभाग की ओर से जांच करने की मांग करने के लिए लडकी के पिता ने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । इसकी सुनवाई के समय न्यायालय ने यह आदेश दिया ।
कॉन्वेंट विद्यालय ने आरोप नकारा
इस मामले में विद्यालय व्यवस्थापन ने सभी आरोपों को नकार दिया है । ‘व्यवस्थापन ने विद्यार्थियों की किसी भी धार्मिक श्रद्धा में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया । हमारी संस्था उपेक्षित और शिक्षा पाने से वंचित बच्चों को शिक्षा देने के एकमेव उद्देश्य से यह विद्यालय १८० वर्षों से चला रही है’, ऐसा व्यवस्थापन ने बताया ।