सामाजिक माध्यमों द्वारा जागृत हिन्दुओं द्वारा की गई जागरूकता का परिणाम !
नेस्ले की ‘किटकैट’ चोक्लेट के आवरण पर छपे हिन्दू देवी-देवताओं के छायाचित्रों के विरुद्ध तत्काल आवाज उठाने वाले जागृत हिन्दुओं का अभिनंदन ! – संपादक
नई देहली – बहुराष्ट्रीय प्रतिष्ठान ‘नेस्ले’ ने अपने ‘किटकैट’ चोक्लेट आवरण पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र एवं माता सुभद्रा के छायाचित्र छाप दिए थे । इसके विरुद्ध जागरूक हिन्दुओं ने सामाजिक माध्यमों पर आवाज उठाई है । ‘नेस्ले’ ने इस विवाद के लिए क्षमायाचना की है तथा प्रतिष्ठान ने ऐसे सभी उत्पादों को मंडी से वापस मंगा लिया है ।
'किटकॅट' चॉकलेटच्या रॅपरवर देवाचा फोटो; टीकेनंतर कंपनीचा माफीनामाhttps://t.co/YAbBsIQcQy
— Lokmat (@lokmat) January 17, 2022
१. सामाजिक माध्यमों के उपयोगकर्ताओं ने बताया, कि लोग चोक्लेट खाने के पश्चात उसका आवरण कहीं भी तथा कूडेदान में फेंक देते हैं । इससे, इस आवरण पर देवताओं के छायाचित्र लगाने से उनका अपमान होता है ।
२. ‘नेस्ले’ ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया है कि, “उनके ‘ट्रैवल ब्रेक पैक’ (यात्रा में विश्राम के समय खाने के लिए बनाई गई चोक्लेट की रचना) का उद्देश्य स्थानीय स्थलों की सुंदरता को मनाना था । इसके अनुसार उन्होंने इस पैक में ओडिशा की संस्कृति दिखाया थी । इसके लिए, उन्होंने अद्वितीय पट्टचित्र की कला की झलक दिखाई देने वाली रचना इस पैक पर प्रयोग की थी ।
३. प्रतिष्ठान ने कहा है कि, आवरण पर प्रयोग किया गया छायाचित्र सरकार की पर्यटन वेबसाइट से लिया गया है । हम लोगों को इस कला से संबंधित कलाकारों के संबंध में अधिक जानने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहते थे । यह देखा गया है कि, उपभोक्ता इस प्रकार की सुंदर रचना अपने पास रखते हैं ।
४. नेस्ले ने क्षमायाचना करते हुए कहा है कि, यदि भूलवश हुई इस चूक से किसी की भावनाएं आहत हुई हो, तो वे उनकी क्षमायाचना करते हैं ।