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चेन्नई – तमिलनाडू राज्य के दिंडीगुल जनपद के वडामुराई के श्री गणेश मंदिर में स्थित देवताओं की मूर्तियों की तोडफोड करनेवाले बालकृष्णन् नामक धर्मांतरित ईसाई को गिरफ्तार किया गया । बालकृष्णन् ने श्री गणेश की मूर्ति, साथ ही नागदेवताओं की ४ मूर्तियों ऐसे कुल ५ मूर्तियां तोड दी । उसने इसी मंदिर की बाजू में स्थित वीरभद्र रावणेश्वर मंदिर के बिजलीयंत्रों को भी क्षति पहुंचाई । बालकृष्णन् को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने टालमटोल की; परंतु हिन्दू मुन्नानी संगठन द्वारा आंदोलन चलाने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया ।
धर्मांतरित ईसाई द्वारा मूर्तिभंजन किए जाने का समाचार प्रसारित करने के में प्रसारमाध्यमों की टालमटोल !भविष्य में हिन्दुओं ने ऐसे प्रसारमाध्यमों का बहिष्कार किया, तो उसमें आश्चर्य कैसा ? तमिलनाडू के एकमात्र ‘दिनामल’ नाम के समाचारपत्र ने बालकृष्णन् के ईसाई धर्मांतरित होने का समाचार दिया; परंतु अन्य समाचारपत्रों ने इस बात को दबाया । तमिलनाडू में इससे पूर्व भी मूर्तिभंजन की कई घटनाएं हुई हैं; परंतु उसके लिए धर्मांध उत्तरदायी होते हुए भी कुछ विशिष्ट जालस्थलों को छोडकर प्रसारमाध्यम उस विषय में सत्य रखने में टालमटोल करते हैं । |
तमिलनाडू में मूर्तिभंजन की बढती घटनाएं
१. २१ जून २०२१ : पुडूकोट्टाई जनपद के शिवमंदिर में शिवलिंग, माता पार्वती, श्री गणेश एवं नंदी की मूर्तियों की तोडफोड
२. ३० जून २०२१ : वेल्लीपुरम् के अम्मनदेवी के मूर्ति की तोडफोड
३. २५ जुलाई २०२१ : धर्मांधों ने रानीपेठ में स्थित १ सहस्र ५०० वर्ष पुराने मंदिर में स्थित श्री अम्मनदेवी एवं श्री दुर्गादेवी के मूर्ति पर स्थित वस्त्र फाडकर मूर्तियों पर वीर्य फेंका ।
४. ७ सितंबर २०२१ : पेरालंबुर में धर्मांधों ने यात्रा के समय में देवताओं की मूर्तियों की शोभायात्रा के लिए उपयोग किए जानेवाले २ रथों में आग लगा दी ।
५. ७ अक्टूबर २०२१ : सिरूवाचुर में ९ मूर्तियों की तोडफोड