भोपाल, २० दिसंबर – आरिणी शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक परिषद का अध्यात्म, भजन संध्या एवं संस्कृति हितैषी सम्मान समारोह कार्यक्रम यहां के योग केंद्र, पत्रकार कॉलोनी में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम भारती ने की एवं मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य आचार्य निलिम्प त्रिपाठी थे । आरिणी शैक्षणिक परिषद के तत्वावधान में ‘आधुनिक परिपेक्ष्य में अध्यात्म’ विषय पर आयोजित, व्याख्यान माला के शतकपूर्ति के उपलक्ष्य में आयोजित इस शतक समारोह का आयोजन किया गया । इसमें योगाचार्य ममता गुरु ने वक्तव्य दिया कि, “पूर्ण जानकारी लेने के बाद ही योग करना चाहिए ।”
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम भारती जी ने कहा कि, “ज्ञान, भक्ति और अध्यात्म की त्रिवेणी का संगम हुआ है ।”
डॉ. निलिम्प त्रिपाठी ने कहा कि, “आध्यात्मिकता से परिवार में संस्कार स्थापित होगें ।”
श्री. राजेन्द्र सक्सेना ने बताया कि, “अध्यात्म की यात्रा अंतःकरण की यात्रा है ।”
सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए, डॉ राजेंन्द्र सक्सेना, प्रेक्षा सक्सेना, डॉ लीना वाजपेयी, डॉ रंजना शर्मा, सुनीता शर्मा, हंसा श्रीवास्तव, मालिनी देवी दासी, आचार्य राजेश, पं. चंद्र शेखर तिवारी, पं. रामबाबू शर्मा एवं श्रीमती रश्मि अग्रवाल, श्याम बाबू शर्मा, पं. रमन तिवारी, प्रतिभा शर्मा, सीमा सक्सेना, पं. श्याम सुंदर शर्मा को संस्कृति हितैषी सम्मान २०२१ से सम्मानित किया गया । उसके पश्चात, स्वरचित भजन संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें सुनीता शर्मा, रजनी खरे, उषा चतुर्वेदी , डॉ रंजना शर्मा, इंदु सोनवानी, पं. नारायण दुबे, नेत्रान्जली द्विवेदी, सरोज दवे, चंद्रकला भागीरथी और प्रेक्षा सक्सेना ने अपनी सरस प्रस्तुति दी । संस्था प्रमुख डॉ मीनू पाण्डेय ने बताया कि, “आरिणी संस्था सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है एवं युवाओं को मूल धारा से जोडने एवं अपनी सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढी तक पहुंचाने में भी प्रयासरत है ।”
कार्यक्रम में सरस्वती वंदना इंदु सोनवानी ने प्रस्तुत की एवं कार्यक्रम का संचालन लीना वाजपेयी एवं सुनीता शर्मा ने किया तथा आभार प्रेक्षा सक्सेना ने प्रस्तुत किया ।