प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों काशी विश्वनाथ धाम का भावपूर्ण वातावरण में लोकार्पण
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वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – काशी में औरंगजेब आया, तो छत्रपती शिवाजी महाराज खडे हो गए। कोई सालार मसूद आया, तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा अपने एकता की शक्ति दिखा देते हैं। अंग्रेजों के समय में भी काशी के लोगों ने वॉरेन हेस्टिंग का क्या हाल किया, यह यहां के लोगों को ज्ञात है, ऐसा प्रतिपादन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के बाद किया।
जब-जब औरंगजेब आया, उठ खड़े हुए शिवाजी: मोदी। pic.twitter.com/yESsAJdjWk
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
लोकार्पण के समय सैकडों साधू, संत, महंत, साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, दिनेश शर्मा आदि उपस्थित थे। लोकार्पण करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने गंगानदी में स्नान कर गंगाजल लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर विधिवत् पूजा की। काशी विश्वनाथ धाम में आने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के श्री कालभैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। उस समय लोगों ने उनके ऊपर पुष्पवृष्टि की। वहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगानदी के अलकनंदा, इस क्रूज के माध्यम से काशी विश्वनाथ धाम के ललिता घाट पर गए।
शाम के समय प्रधानमंत्री मोदी दशाश्वमेध घाटपर होनेवाली गंगानदी की आरती में उपस्थित थे। १४ दिसंबर को होनेवाले भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सम्मेलन में उपस्थित होकर मार्गदर्शन करनेवाले हैं।
मोदीद्वारा उनके मार्गदर्शन में रखे गए सूत्र
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विनाश करने की शक्ति भारत की शक्ति-भक्ति की अपेक्षा बडी नहीं हो सकती !
प्रत्येक भारतीय के हाथों में अकल्पनीय बातों को प्रत्यक्ष में लाने की शक्ति है ! हमें तप और तपस्या ज्ञात है। हमें देश के लिए रातदिन कष्ट करना ज्ञात है।
इससे विश्व के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु सुगमतापूर्वक माँ गंगा के दर्शन कर सीधे बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना कर सकेंगे व उन्हें #KashiVishwanathDham की दिव्यता व भव्यता की गौरवमयी अनुभूति भी होगी।
मैं सभी देशवासियों की ओर से @narendramodi जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। pic.twitter.com/KNso0yEI1w
— Amit Shah (@AmitShah) December 13, 2021
चुनौतियां कितनी ही बडी क्यों ना हों, हम भारतीय उसका सामना कर सकते हैं ! विनाश करने की शक्ति कभी भी भारत की शक्ति और भक्ति से बडी नहीं हो सकती। जिस दृष्टिकोण से हम विश्व की ओर देखते हैं, उसी दृष्टिकोण से विश्व हमारी ओर देखता है, यह ध्यान रखें !
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भारत गुलामी की हीन भावना से बाहर निकल रहा है !
अनेक वर्षों की गुलामी ने हमारे ऊपर परिणाम किया था। भारत को हीन भावना से भर दिया था; लेकिन आज का भारत उस हीन भावना से बाहर निकल रहा है।
विरासत भी, विकास भी। pic.twitter.com/mAz6upflRs
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
जिस तरह काशी अनंत है, वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है। काशी के विकास में अनंत पुण्य-आत्माओं की ऊर्जा शामिल है। इस विकास में भारत की अनंत परंपराओं की विरासत भी शामिल है। pic.twitter.com/Z9gTU0ih63
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2021
आज का भारत केवल श्री सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण ही नहीं करता, तो समुद्र में सहस्रों किलोमीटर ‘ऑप्टिकल फायबर’ भी बिछाता है ! आज का भारत श्री केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार ही नहीं करता, बल्कि स्वयं की ताकत पर अंतरिक्ष में भारतीयों को भेजने की तैयारी में भी है ! आज का भारत केवल अयोध्या में श्रीराम का मंदिर ही नहीं बना रहा, अपितु देश के प्रत्येक जिले में वैद्यकीय महाविद्यालय भी बना रहा है !
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पालकी मार्ग का भी काम चालू !
पीएम मोदी रखेंगे राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला; संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग होंगे चार लेनhttps://t.co/JQnmWZu6hQ
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) November 7, 2021
पंढरपूर के भगवान विठ्ठल के करोडों भक्तों के आशीर्वाद से संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम की पालकी मार्ग का काम कुछ सप्ताह पूर्व चालू हुआ है !
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स्वच्छता, सृजनशीलता और आत्मनिर्भर भारत के लिए नियमित प्रयास करने का वचन दें !
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण के बाद बोलते हुए कहा कि, ‘स्वच्छता, सृजनशीलता और आत्मनिर्भर भारत के लिए आप नियमित प्रयास करेंगे’, ऐसे ३ वचन आप मुझे दें !
मैं आपसे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं… pic.twitter.com/8YuH6p1mnq
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2021
काशी में PM मोदी ने मांगे तीन संकल्प। pic.twitter.com/UB20X4xY8O
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
काशी विश्वनाथ धाम की विशेषताएं
१. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अब सीधे गंगानदी से जोडा गया है। जलासेन, मणिकर्णिका और ललिता इन घाटों पर गंगानदी में स्नान कर भक्त सीधे मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं !
२. यहां ३ ‘यात्री सुविधा केंद्र’ में भक्तों को उनका सामान सुरक्षित रखने की, बैठने की और आराम करने की सुविधा मिलनेवाली है।
३. २ मंजिला इमारत सांस्कृतिक उपक्रमों के लिए बनाई गई है।
४. भक्तों के लिए योग और ध्यान केंद्र के स्वरुप में ‘वैदिक केंद्र’ स्थापित किए गए हैं।
५. इस धाम के परिसर में बाहर से आनेवाले भक्तों के लिए धार्मिक ग्रंथों का ‘अध्यात्मिक ग्रंथ केंद्र’ यह नया केंद्र होगा।
६. भक्तों के लिए प्रसादालय निर्माण किए जाने के साथ यहां १५० भक्त एकसाथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, ऐसी व्यवस्था है।
७. काशी विश्वनाथ धाम में ‘मुमुक्षु भवन’ बनाया गया है।
८. काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करने के लिए ४ महाकाय दरवाजे बनाए गए हैं।
९. सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष बनाए जाने के साथ संपूर्ण धाम परिसर में सी.सी.टीवी. कैमरे लगाए गए हैं।
१०. इस धाम में आपत्कालीन वैद्यकीय सुविधाओं सहित एम्ब्यूलेंस की व्यवस्था भी की जाएगी।
११. एक जिला – एक उत्पादन दुकान, हस्तकला वस्तुओं की दुकानें और खाद्यपदार्थों की दुकानें भी बनाई गई हैं।
१२. इस परिसर में महादेव की पसंद का रुद्राक्ष, बेल, पारिजात वनस्पति तथा अशोक के पेड लगाए गए हैं।
१३. काशी विश्वनथ धाम में वृद्धों की सुविधा की विशेष व्यवस्था की गई है। धाम में ‘एस्केलेटर’ जैसी (खिसकनेवाली सीढियों जैसी) अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।