भाजपा के सत्ता में रहते तीन तलाक पर कानून हो सकता है; तो मथुरा और काशी के लिए भी होना चाहिए ! – डॉ. प्रवीण तोगडिया

आंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिया

जौनपुर (उत्तरप्रदेश) – उत्तरप्रदेश में भाजपा सत्ता में है। देश में तीन तलाक के संबंध में कानून पारित किया गया। वैसा ही कानून मथुरा और काशी के मंदिरों के लिए भी बनाना चाहिए। देश तोडनेवाले और मंदिर गिरानेवाले जिहादियों को कठोर सजा होनी चाहिए। उनको जड से समाप्त कर देना चाहिए। ऐसा करने पर भाजपा को आगामी उत्तरप्रदेश चुनाव में लाभ होगा, ऐसा मत आंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिया ने यहां किया। यहां शारदा शक्तिपीठ के दर्शन करने के बाद वे पत्रकारों से बात कर रहे थे।

डॉ. तोगडिया ने आगे कहा कि,

१. हिन्दुओं के बडे संघर्ष के बाद अयोध्या में अब श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। यह बहुत ही आनंद की बात है। यह देखकर समाधान मिल रहा है।

२. श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जैसे अभियान चलाया गया, वैसे ही अब गरीबी मुक्त भारत के लिए विशेष अभियान चलाना आवश्यक है। श्रीराम मंदिर आंदोलन चालू हुआ, तब मैंने कुछ बातें सामने रखी थीं। ‘प्रत्येक हिन्दू को अन्न, सस्ती और अच्छी शिक्षा, युवकों को रोजगार, किसानों को उनके उत्पादन और फसल का अच्छा भाव मिलना चाहिए’, ऐसा प्रस्ताव मैंने रखा था।

३. अयोध्या में प्रभु श्रीराम झोपडी से महल में आए, इसका आनंद है; लेकिन देश में एक करोड बेघर हिन्दुओं को घर मिलेगा, तब मैं कह सकूंगा कि, रामराज्य आ रहा है !

४. श्रीराम मंदिर के नाम पर कुछ लोगों को सत्ता मिली, यह अच्छी बात है; लेकिन उन्हें रामराज्य को भूलना नहीं चाहिए। वे कदाचित भूल गए हैं; लेकिन और न भूलें, ऐसी इच्छा व्यक्त करता हूं।

राममंदिर आंदोलन के चार लोगों को ‘भारतरत्न’ पुरस्कार दें !

४ लोंगों का नेतृत्व ना होता, तो उस समय बाबरी नहीं गिरती और मंदिर निर्माण न हो पाता। इनमें से पहले हैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे, दूसरे हैं अशोक सिंघल, तीसरे योगी आदित्यनाथ के गुरू गोरख पीठाधीश्वर अवैद्यनाथजी और चौथे हैं अयोध्या के रामचंद्र परमहंस। इन चारों से मेरा विशेष रिश्ता है। इन चारों को जबतक ‘भारतरत्न’ पुरस्कार नहीं मिलता तब तक मैं कहता रहुंगा कि, भारत सरकार ने श्रीराम मंदिर आंदोलन का सम्मान किया नहीं। सत्ता में रहनेवालों को इन चारों को भी ‘भारतरत्न’ घोषित करना चाहिए और जिस श्रीराम मंदिर के नाम पर वे सत्ता में आए हैं, उनका ऋण चुकाना चाहिए।