जो संसार में सबसे अधिक मुसलमान जनसंख्या वाले इस्लामी इंडोनेशिया के लिए यह संभव है; वह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए क्यों संभव नहीं होता है ?- संपादक
जकार्ता (इंडोनेशिया) – संसार के सबसे अधिक मुसलमान जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में लोगों की शिकायतों के पश्चात ‘मुस्लिम उलेमा परिषद’ ने मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के प्रयोग से संबंधित दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का निर्णय किया है । यह मस्जिदों में लगे भोंपुओं की आवाज को नियंत्रित करेगा । इंडोनेशिया की जनसंख्या २७ करोड है, जिसमें से ८० प्रतिशत मुसलमान हैं ।
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— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) November 23, 2021
१. इंडोनेशिया में अनुमानित ६ लाख २५ सहस्र मस्जिदें हैं । यहां की अधिकांश मस्जिदों से भोंपुओं के माध्यमसे अजान सुनाई जाती है । अत्यंत तेज आवाज के कारण ध्वनि प्रदूषण होने की शिकायत नागरिक कर रहे हैं ।
२. ‘वर्ष १९७८ में, देश के धार्मिक प्रकरणों के मंत्रालय ने भोंपुओं के उपयोग के लिए दिशा निर्देश घोषित किए थे । इन दिशानिर्देशों में वर्तमान स्थिति के अनुकूल बनाने की आवश्यकता है,’ ऐसा इंडोनेशिया के उलेमा काउंसिल ने कहा है । इसका वर्तमान धार्मिक प्रकरणों के मंत्री याकूत चोलिल कौमास ने स्वागत किया है ।
३. ‘मुस्लिम काउंसिल फतवा आयोग’ के सचिव मिफ्ताहुल ने कहा है कि, भोंपुओं का उचित उपयोग किया ही जाना चाहिए । यहां मनमानी नहीं हो सकती । हमारा उद्देश्य भले ही अच्छा हो, परंतु अन्य लोगों को कष्ट न हों, इसके संबंध में भी हमें विचार करना चाहिए ।
४. इस परिषद की २०१७ से २०२२ तक पांच वर्षों के लिए प्रमुख सूत्रों की सूची में मस्जिदों में भोंपुओं की आवाज न्यून करने का एक सूत्र भी सम्मिलित है । अब तक ५० सहस्र से अधिक मस्जिदों पर लगे भोंपुओं की आवाज नियंत्रित की जा चुकी है ।