राष्ट्रभक्तों की यही अपेक्षा है कि केंद्र सरकार को जिहादी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए !- संपादक
नई देहली – केंद्र सरकार ने जिहादी आतंकियों के लिए आदर्श डॉ. जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर ५ वर्ष के लिए प्रतिबंध लगया है । सरकार ने यह आरोप लगाया है कि यह संगठन आतंकवाद को बल देती है । अवैध कृत्य प्रतिबंधक कानून (यु.ए.पी.ए.) के अनुसार प्रतिबंधित किया गया यह पहला संगठन है । डॉ. जाकिर नाईक आज के समय में मलेशिया से इंटरनेट सैटेलाइट टी.वी. का उपयोग कर विश्व के उसके अनुयायियों से संवाद करता है, साथ ही प्रचार के लिए सामाजिक माध्यमों और मुद्रित सामग्री का भी उपयोग करता है ।
(सौजन्य : Republic World)
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस प्रतिबंध के विषय में बताया कि ‘इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन’ देश की सुरक्षा को बाधा उत्पन्न हो सकेगी, ऐसी गतिविधियों में संलिप्त है । यह संगठन देश में शांति और धार्मिक सौहार्द बिगाड सकती है, साथ ही देश की धर्मनिरपेक्षता को भी संकट में ला सकती है । इस संस्था का संस्थापक और प्रमुख जाकिर नाईक और उनके संगठन के सदस्य अपने अनुयायियों को धर्म के नाम पर उकसा रहे हैं, साथ ही विद्वेष फैलाकर शत्रुत्व की भावना उत्पन्न कर रहे हैं । जाकिर नाईक के भाषण आपत्तिजनक और भडकाऊ हैं । उससे वह भारत के विशिष्ट क्षेत्रों में विद्वेष फैलाकर युवकों को आतंकी कृत्यों में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहन देता है । अभी इस संगठन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो यह संगठन अपने समर्थकों को एकत्रित कर उन्हें विध्वंसक कृत्यों में सम्मिलित होगा । उसके कारण देश की एकता संकट में पडेगी ।
The ban imposed on Islamic Research Foundation (IRF), set up by Zakir Naik who was accused of inspiring Muslim youths in India and abroad to commit terror acts, has been extended by the Centre for five years. #ZakirNaik #IRF https://t.co/nKn2xQM63j
— The Pioneer (@TheDailyPioneer) November 16, 2021