भारत में ३३ लाख से अधिक बच्चे कुपोषित !

३३ में से १७ लाख ७० सहस्र बच्चे अधिक कुपोषित 

स्वतंत्रता के ७४ वर्षों में इसे भारत द्वारा की गई प्रगति कहेंगे क्या ? देश के बच्चों को कुपोषित रखने वाले अभीतक के सभी पार्टी के शासनकर्ता इसके लिए उत्तरदायी हैं । यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य करती है ! – संपादक

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

नई दिल्ली –  देश में ३३ लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं । उसमें से आधे से अधिक बच्चे तीव्र कुपोषित श्रेणी में आते हैं, ऐसी जानकारी केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने आर.टी.आई. में पूछे प्रश्न के उत्तर मेंं दी । आंगनवाडी व्यवस्था के अंतर्गत ८ करोड १९ लाख बच्चों में से केवल ३३ लाख बच्चे कुपोषित हैं । जिनका प्रतिशत कुल बच्चों में से केवल ४.०४  है ।

१. देश के २८ राज्य और ८ केंद्रशासित प्रदेशों के आंकडों में से कुल ३३ लाख २३ सहस्र ३२२ बच्चों का आंकडा सामने आया है । १४ अक्टूबर २०२१ तक देश में १७ लाख ७६ सहस्र ९०२ बच्चे तीव्र कुपोषित, तो १५ लाख ४६ सहस्र ४२० बच्चे अल्प कुपोषित हैं । कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र सबसे ऊपर के स्थान पर हैं ।

२. नवंबर २०२० से अक्तूबर २०२१ के दौरान तीव्र कुपोषित बच्चों की संख्या में ९१ प्रतिशत बढोतरी हुई है ।

३. कोरोना महामारी के कारण गरीब से गरीब लागों का स्वास्थ्य और पोषण का संकट और तीव्र होने का डर महिला और बालविकास मंत्रालय ने व्यक्त किया है । पोषण परिणामों पर ध्यान रखने के लिए पिछले वर्ष विकसित किए ‘पोषण’ इस ‘एप’ पर इसकी जानकारी प्रविष्ट की गई थी ।