भारत-पाक सीमा पर ३ वर्षों के उपरांत दिवाली के अवसर पर दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे को दी मिठाइयां !

पुलवामा के आक्रमण के उपरांत बंद हो गई थी ये परंपरा !

  • पाकिस्तान ने ऐसा क्या किया है, जिससे भारत ने इस परंपरा को पुनर्जीवित किया ? पाकिस्तान को मिठाइयां देने और उससे मिठाइयां लेने का क्या औचित्य है, जब पाकिस्तान और उसके प्रायोजित आतंकवादी निरंतर कश्मीर पर आक्रमण कर रहे हैं ? – संपादक

  • क्या यह सांप को दूध पिलाने जैसा नहीं है ? – संपादक
दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे को दी मिठाइयां

नई देहली – भारत-पाकिस्तान सीमा पर तीन वर्षों के उपरांत, दिवाली के अवसर पर दोनों देशों के जवानों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया । जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान की सीमाओं पर मिठाई बांटी गई । पहले यह परंपरा प्रत्येक वर्ष होती थी, किन्तु, कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी आक्रमण के उपरांत यह परंपरा खंडित हो गई थी ।

राजस्थान के बाडमेर जिले में, भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों और पाकिस्तानी सैनिकों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया । पंजाब के अमृतसर में प्रसिद्ध अटारी-वाघा सीमा पर भी भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया । इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर के कुपवाडा जिले की सीमा पर जवानों द्वारा मिठाइयां बांटी गईं ।