राजधानी दिल्ली में वर्ष २०१३ से २०१९ के बीच गुनाहों में २७५ प्रतिशत से बढत !

  • देश की राजधानी में यह स्थिति होगी, तो अन्य राज्यों और शहरों की स्थिति क्या होगी, इसकी कल्पना आती है ! – संपादक
  • देश में गुनहगारी अधिकाधिक कम करना आवश्यक होते हुए भी प्रतिदिन बढना, अर्थात देश के नागरिक, उनकी संपत्ति असुरक्षित हो रही है, ऐसा होते हुए दिख रहा है । यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य करती है ! – संपादक
  • यह है अभी तक के शासनकर्ताओं द्वारा जनता को साधना ना सिखाने का परिणाम ! अब तो सरकार जनता को साधना सिखाने का प्रयास करेगी क्या ? – संपादक

नई दिल्ली – राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष २०१३ से २०१९ के बीच दिल्ली में गुनाह २७५ प्रतिशत बढे हैं । वर्ष २०१३ में कुल गुनाहों की संख्या ८६ सहस्र ८०० थी, तो वर्ष २०१९ में यह संख्या २ लाख ९९ सहस्र ४७५  हुई । ‘कैग’ की रिपोर्ट के अनुसार इस बढती गुनहगारी के पीछे पुलिस के पास होने वाले साधन सुविधाओं की कमी, यह कारण है ।

१. वर्ष २०१९ में दिल्ली में ५ सहस्र १८५ गुनाह प्रविष्ट किए गए । वर्ष २०१३ में यह संख्या ४ सहस्र १५९ थी ।

२. वर्ष २०१९ की तुलना में वर्ष २०२० में दिल्ली में बलात्कार की घटनाओं में ४३ प्रतिशत की वृद्धि हुई । इसके साथ १ सहस्र ७१२ घटनाएं पति और ससुराल के द्वारा महिला को प्रताडित करने की थी, उसी प्रकार ५६ मामलों में दहेज के लिए हत्या की गई थी ।

३. वर्ष २०११ में भारतीय दंड विधान के अंतर्गत दिल्ली में कुल ५३ सहस्र ३५३ गुनाह प्रविष्ट किए गए । १५ अगस्त २०२१ में यह संख्या १ लाख ७५ सहस्र २७ थी ।

४. दिल्ली में वृद्धों के संदर्भ में वर्ष २०२० में ९०६ गुनाह प्रविष्ट किए गए । देश के १९ शहरों की तुलना में यह संख्या सबसे अधिक है ।