वेबिनार रद्द करना, यह ऊपर ऊपर की उपाययोजना हुई । ऐसे काम करने वालों को कारागृह में डालना आवश्यक !– संपादक
नई देहली – यहां के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में (‘जे.एन.यू.’ में) २९ अक्तूबर के दिन ‘सेंटर फॉर वीमेन्स स्टडीज’ की ओर से एक वेबिनार का प्रचार करते समय कश्मीर का उल्लेख ‘भारत द्वारा अपने अधिकार में लिया हुआ कश्मीर’ ऐसा किया गया । इसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप के) कार्यकर्ताओं ने विरोध किया । इसकी जानकारी जे.एन.यू. को मिलते ही यह वेबिनार प्रारंभ होने के पहले ही रद्द कर दिया गया । प्रशासन ने अब विषय की जांच करने का आदेश दिया है । इस मामले में आयोजनकर्ताओं के विरोध में कार्यवाही की मांग अभाविप ने की है ।
JNU vice-chancellor cancels webinar on ‘Indian Occupied Kashmir’, says it questions sovereignty and territorial integrity of our countryhttps://t.co/o9994W5cre
— OpIndia.com (@OpIndia_com) October 30, 2021
त्रिपुरा में हुई हिंसा का साम्यवादी विद्यार्थी संगठनों की ओर से विरोध !
नवरात्रि के समय में बांगलादेश में हिन्दुओं पर आक्रमण हुए, कश्मीर में हिन्दुओं को लक्ष्य कर जान से मारा गया, इसके विरोध में साम्यवादी विद्यार्थी संगठनों को विरोध करने की याद क्यों नही आई ? हिन्दुओं के विषय में कुछ होता है, तो वे मौन रखते हैं, इसका उत्तर उन्हें देना चाहिए !– संपादक
जे.एन.यू.एस.यू.इस साम्यवादी विद्यार्थी संगठन के विद्यार्थियों ने त्रिपुरा में मुसलमानों पर हुए आक्रमण के विरोध में जे.एन.यू. परिसर में मार्च निकाला । इन विद्यार्थियों का आरोप है कि, त्रिपुरा में मुसलमानों पर वहां की भाजपा सरकार और अनेक संस्थाएं अत्याचार कर रही हैं ।