भारत सरकार को बांग्लादेश को समझाना चाहिए ! – रा स्व संघ की बैठक में प्रस्ताव 

हिन्दुओं पर आक्रमण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें बांग्लादेश सरकार !

यह सरकार को क्यों बताना पडता है ? सरकार को अब तक स्वयं ही प्रयास करने चाहिए थे, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !- संपादक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कर्नाटक के धारवाड में ‘अखिल भारतीय कार्यकारी परिषद’ की तीन दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार को इस पडोसी देश को समझाना चाहिए’, ऐसा प्रस्ताव पारित किया गया

नई देहली – ‘बांग्लादेश में नवरात्रि की श्री दुर्गापूजा के समय हिन्दुओं पर हुए आक्रमण सुनियोजित थे तथा केंद्र सरकार को इस पडोसी देश को समझाना चाहिए’, ऐसा प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कर्नाटक के धारवाड में ‘अखिल भारतीय कार्यकारी परिषद’ की तीन दिवसीय बैठक में पारित किया गया । ‘जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार हो रहे हैं, तब संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन एवं  मानवाधिकार संगठन कैसे चुप रह सकते हैं ?’, ऐसा प्रश्न भी उस समय उपस्थित किया गया । बैठक में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबले, सभी सहकार्यवाह, साथ ही प्रांत संघचालक, कार्यवाह प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य, संघ परिवार के संगठनों के सचिव सहित कुल साढे तीन सौ कार्यकर्ता उपस्थित हैं ।

१. संघ ने बैठक से संबंधित एक निवेदन प्रकाशित किया है । इसमें कहा गया है कि, ‘बांग्लादेशी सरकार को चाहिए, कि वह हिन्दुओं पर आक्रमण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें एवं ये आक्रमण रोकें । यह बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय को नष्ट करने का षड्यंत्र है । इसके लिए, नकली समाचारों के आधार पर धार्मिक विद्वेष बढाने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है । यह चिंता का विषय है तथा केंद्र सरकार को द्विपक्षीय चर्चा के सभी मार्गों को अपनाना चाहिए ।’

२. बैठक में पारित प्रस्ताव के संबंध में, प्रसार माध्यमों को सूचित करते हुए संघ के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि, ‘इस आक्रमण का उद्देश्य, नकली समाचारों के माध्यम से धार्मिक संघर्ष निर्माण करना था । केंद्र को बांग्लादेश सरकार से संवाद करने के लिए अपने सभी राजनैतिक मार्ग खोलने चाहिए तथा वहां के सरकार से हिन्दुओं एवं बौद्धों पर हो रहे आक्रमण रोकने के लिए कहना चाहिए ।’