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बांग्लादेश सरकार अपनी लज्जा बचाए रखने के लिए इस प्रकार का असत्य दावा कर रही है, यह बताने के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है । जो विश्व ने देखा है, उसे सीधे अस्वीकार करना असत्यता ही है । हिन्दुओं को लगता है, कि भारत को विश्व समिति से इसकी जांच की मांग करनी चाहिए, जिससे सत्य संसार के सामने आ जाएगा !– संपादक
ढाका (बांग्लादेश) – वर्तमान में चल रहे प्रचार के विपरीत स्थिति है । देश में हाल ही में हुई हिंसा में केवल ६ लोगों की मृत्यु हुई है । पुलिस के साथ हुई मुठभेड में ४ मुसलमानों एवं २ हिन्दुओं की मृत्यु हुई है । इसमें से एक हिन्दू की ‘सामान्य स्थिति’ में मृत्यु हुई, जबकि दूसरे की सरोवर में कूदने से मृत्यु हुई है । इस हिंसा में, बलात्कार की एक भी घटना नहीं हुई है तथा एक भी हिन्दू मंदिर पर आक्रमण कर उसे नष्ट नहीं किया गया है ; परंतु, कुछ स्थानों पर मूर्तियों को तोडा गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी । यह पहली बार है, जब डॉ एके अब्दुल मोमिन ने हिंसा के विषय में बात की है ।
Bangladesh communal violence: No one was raped and not a single temple was destroyed, says Foreign Ministerhttps://t.co/gRzkC0aMwA
— TIMES NOW (@TimesNow) October 29, 2021
डॉ मोमेन ने आगे कहा कि, “सामाजिक माध्यमों एवं कुछ ‘उत्साही’ प्रसार माध्यमों ने इसके संबंध में असत्य सूचना प्रसारित की । यह सरकार को अपकीर्त करने का प्रयास था । गत कुछ वर्षों में, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के मंडपों की संख्या में वृद्धि हुई है ; क्योंकि, सरकार उन्हें अनुदान देती है ।” (सरकार अनुदान दे रही होगी तथा मंडपों की संख्या बढ भी गई होगी ; परंतु, सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं करती । इसलिए, धर्मांध मंडपों को लक्ष्य बना रहे हैं, यह वास्तविकता मोमन स्वीकार क्यों नहीं करते ? – संपादक)