आत्मज्योति, ज्ञानज्योति, ईशज्योति, धर्मज्योति के विषय में विवेचन

आत्मज्योति : साधकों की आध्यात्मिक प्रगति करवाना

  • कर्म, भक्ति और ज्ञान के संगम गुरुकृपायोग की निर्मिति
  • चैतन्य का स्रोत बने गुरुकुल समान आश्रमों की निर्मिति
  • आध्यात्मिक प्रगति हेतु स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन प्रक्रिया
  • अब तक ११२ साधक संत बने तथा १ सहस्र ३२८ साधकों का संतपद की ओर मार्गक्रमण

ज्ञानज्योति : समाज में अध्यात्मप्रसार और ग्रंथनिर्मिति

  • सत्संग, दृश्यश्रव्य-चक्रिका और ऑनलाइन सत्संगों द्वारा अध्यात्मप्रसार
  • अध्यात्म, राष्ट्र, धर्म, आपातकालीन संजीवनी आदि विषयों पर ग्रंथनिर्मिति
  • पृथ्वी पर कहीं भी न उपलब्ध सूक्ष्म से प्राप्त ज्ञान का संग्रह
  • सितंबर २०२१ तक सनातन के ३४७ ग्रंथों की १७ भाषाओं में ८२ लाख ४८ सहस्र प्रतियां प्रकाशित !

ईशज्योति : वैज्ञानिक दृष्टि से अध्यात्म का शोध

  • विविध कलाओं के सात्त्विक प्रस्तुतीकरण के विषय में शोध
  • सात्त्विक चित्र, नामजप-पट्टीयां, मूर्ति, सात्त्विक अक्षर, रंगोली इत्यादि की निर्मिति
  • वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा आचारधर्म, साधना इत्यादि का महत्त्व सिद्ध करनेवाले शोध
  • महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा १५ राष्ट्रीय और ६७ अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषदों में ८२ शोधनिबंध प्रस्तुत

धर्मज्योति : हिन्दुत्वनिष्ठों में राष्ट्र-धर्म के विषय में जागृति

  • ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों द्वारा धर्मजागृति एवं हिन्दू-संगठन
  • हिन्दुत्वनिष्ठों को धर्मशिक्षा और स्वरक्षा एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण
  • हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू विधिज्ञ परिषद इत्यादि हिन्दू संगठनों का दिशादर्शन
  • ९ अखिल भारतीय, १२ राज्यस्तरीय, ५८ प्रांतीय तथा ४३ जिलास्तरीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों का अब तक आयोजन