पुलिस के साथ वाद विवाद के पश्चात अपनी ही धार्मिक शोभायात्रा के समय धर्मांधों द्वारा हिंसा

भयभीत हिन्दुओं की सुरक्षा की मांग

  • धर्मांधों की धार्मिक शोभायात्रा के समय वे हिंसा क्यों करते हैं ? क्या यह धर्मनिरपेक्ष एवं आधुनिकतावादी बताएंगे ?– संपादक
  • ध्यान दें कि हिन्दू-बहुल भारत में ‘अल्पसंख्यकों को भारत में भय की छाया में रहना पडता है’ यह नारा लगाने वाले इस वास्तविकता  पर एक शब्द भी नहीं बोलते कि भारत में हिन्दुओं को ही अल्पसंख्यकों के भय की छाया में रहना पड रहा है !– संपादक

देहली – दक्षिण देहली के बटुकेश्वर (बीके) दत्त कॉलोनी में १४ अक्टूबर को एक धार्मिक शोभायात्रा के समय देहली पुलिस से वाद विवाद के पश्चात धर्मांधों ने हिंसा की । इस समय पुलिस द्वारा मोर्चा बंदी के लिए खडी की गई अस्थाई दीवारें ( बैरिकेड्स) तोड दी गई । इस संबंध में एक वीडियो भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव ने ट्वीट किया है । उन्होंने पुलिस से स्थानीय हिन्दुओं को सुरक्षा देने की मांग की है, जो इस घटना से भयभीत हुए हैं । यादव ने ‘#SaveBKDuttPeoples’ नाम से ‘हैशटैग ट्रेंड’ (एक ही विषय पर चर्चा आयोजित करना) किया था । पुलिस ने प्रकरण तो प्रविष्ट कर लिया है; परंतु अभी तक किसी को भी बंदी नहीं बनाया है ।

सुनील यादव ने कहा कि बी के दत्ता कॉलोनी विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए हिन्दुओं के लिए स्थापित की गई थी । यहां पूर्व में मात्र मुसलमानों के ४ घर हुआ करते थे, अब ४० से अधिक घर हो गए हैं । यह कैसे हुआ किसी को भी ज्ञात नहीं है । यहां की हिंसा के समय धर्मांधों ने महिलाओं को जानबूझकर आगे बढाया । शोभायात्रा में बाहर से लोग आए थे । प्रतिवर्ष ऐसी शोभायात्राओं के समय हिंसा होती है । (यदि यहां प्रति वर्ष हिंसा होती है, तो पुलिस क्या करती है ? यदि वे इस हिंसा को रोक नहीं सकते, तो सामान्य जनता की रक्षा कैसे करेंगे ? – संपादक )