सामाजिक माध्यम पर आमिर खान की रास्तों पर नमाज पढने को लेकर आलोचना । रास्तों पर नमाज कैसे पढी जा सकती है ?, लोगों का यह प्रश्न है !
हिन्दू त्योहारों के समय ऐसा परामर्श सदैव कैसे दिया जाता है ? क्रिसमस पर भी, जब रास्तों पर ईसाइयों द्वारा पटाखे फोडे जाते हैं, तो कोई क्यों नहीं बोलता ? जब रास्तों पर, बकरीद के समय, बकरियों को मारा जाता है, तो लोग विरोध क्यों नहीं करते ? – संपादक
मुंबई : अभिनेता आमिर खान का ‘सीएट टायर’ के लिए एक विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है । इसमें आमिर खान एक युवक से कहते हैं, ‘अगर हमारी टीम जीतती है तो अनार, सुतली बम और ग्राउंड व्हील जैसे सभी पटाखों को हम निश्चित रूप से फोडेंगे । किन्तु, यह सडक पर नहीं । क्योंकि, सडकें आतिशबाजी के लिए नहीं, अपितु परिवहन के लिए होती हैं । आपको पटाखे अवश्य फोडने हैं, किन्तु निवासी परिसर में सडकों पर नहीं ।’ इस बात पर प्रश्न पूछकर आमिर खान को ‘हिन्दू विरोधी’ कहा जा रहा है, ‘क्या ये सडकें नमाज पढने के लिए हैं ?’ इस पर आमिर खान और सिएट टायर के बहिष्कार का भी आह्वान किया गया है ।
१. एक उपयोगकर्ता ने सामाजिक माध्यम पर लिखा है, कि हिंदी चलचित्र व्यवसाय में लोग सदैव हिन्दू त्योहारों को लक्ष्य करते हैं । फिर भी, हिन्दू उनके चलचित्र देखते हैं ।
२. सिएट टायर्स के मालिक हर्ष गोयनका की भी अनेक लोगों ने आलोचना की है । उन्हें ‘हिन्दू फोबिक’ (हिन्दू विरोधी) कहा जा रहा है ।
३. एक ने लिखा कि, “मैं अपने चार पहिया वाहन के सिएट टायर बदलकर अन्य टायर लगाने जा रहा हूं । इतना ही नहीं, दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहूंगा ।”