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बहुसंख्य हिन्दुओं के देश में, अल्पसंख्यक, हिन्दुओं का धर्मांतरण करते हैं ; तो जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं, उस पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे धर्मांधबहुत देशों में भी हिन्दुओं का वंशविच्छेद हो रहा है । इस स्थिति का, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही एकमात्र उपाय है, इसे जान लीजिए !- संपादक
फरीदाबाद (हरियाणा) – इस्लाम में बलपूर्वक धर्मांतरण करने के प्रकरण में, विनोद नाम के व्यक्ति ने यहां के सेक्टर-५ पुलिस थाने में शिकायत प्रविष्ट की है । इस प्रकरण में प्राथमिकी पंजीकृत की जा रही है । जब विनोद का धर्मांतरण किया गया, तब वह ९वीं कक्षा में पढ रहा था ।
१. धर्मांतरण के प्रकरण में, आतंकवाद विरोधी दल ने २१ सितंबर को मौलाना कलीम सिद्दीकी को बंदी बनाया था । उन्हें १० दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है । आतंकवाद विरोधी दल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मौलाना सिद्दीकी मदरसों, साथ ही सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से संपूर्ण देश में धर्मांतरण का रैकेट (जाल) चला रहे थे । उसके लिए उन्हें हवाला के माध्यम से आर्थिक सहायता भी मिल रही थी । इसके अंतर्गत ही सिद्दीकी ने विनोद का भी धर्मांतरण किया ।
२. विनोद द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वह फरीदाबाद के सेक्टर-१७ में स्थित प्रेमनगर की झोपडपट्टी में रहता था । उसके पडोस में कुछ धर्मांध रहते थे । वे सदैव इस्लाम का महिमामंडन करते थे और हिन्दू धर्म की आलोचना करते थे ।
३. एक समाचार के अनुसार, जब विनोद का धर्मांतरण किया गया, तब अर्थात वर्ष २०१४-१५ में वह ९वीं कक्षा में पढ रहा था । उसके विद्यालय से आने-जाने के समय गैस की अंगीठी की दुरूस्ती का काम करनेवाला शहजाद नाम का व्यक्ति उसे अपने पास बुलाकर खाने-पीने के पदार्थ देता था । उस समय वह विनोद के साथ इस्लाम के विषय पर चर्चा किया करता था । शहजाद उसे कहता था कि, ‘यदि तुम मुसलमान बनोगे, तो तुम नरक में जाने से बच जाओगे ।’
४. एक दिन उसे दिल्ली के शाहीनबाग स्थित एक मस्जिद में ले जाया गया और वहां उसकी मौलाना सिद्दीकी से भेंट करवा दी गई । उसके उपरांत, मौलाना ने उससे गले मिलकर उसका धर्मांतरण किया और उसका नाम नूरमोहम्मद रखा । उसके उपरांत, उसे इस्लाम की शिक्षा के लिए गुजरात और उत्तर प्रदेश भेजा गया ।
५. विनोद ने बताया, कि उसने आरोपियों के चंगुल से छूटकर गुप्तरूप से फरीदाबाद में ही २ वर्ष व्यतीत किए । वर्ष २०२० में, जब उसे अपनी बहन के विवाह के संबंध में ज्ञात हुआ, तब वह अपने परिवार से मिलने गया ।