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मुंबई – “अमेरिका में ११ सितंबर २००१ को हुए आतंकी आक्रमण के पश्चात, वहां के नागरिक मुसलमानों को संदेह की दृष्टि से देखने लगे । वही दृष्टि हिन्दुओं के संबंध में बनाने के लिए, ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ ( हिन्दुत्व का वैश्विक स्तर पर समूल उच्चाटन) नामक एक हिन्दू विरोधी सम्मेलन आयोजित किया गया था । इसलिए, हिन्दुओं को सतर्क रहना चाहिए । इस गलत सूचना का अध्ययन-पूर्ण उत्तर, वैचारिक एवं बौद्धिक स्तर पर दिए जाने की आवश्यकता है । इस सम्मेलन के माध्यम से वैचारिक आतंकवाद फैलाया गया । यह सत्य है, कि हिन्दू धर्म का विनाश असंभव है ; परंतु, धर्म की रक्षा एवं पाखंड के खंडन के रूप में, हिन्दू-विरोधी विचारधारा का वैचारिक रूप से विरोध किया जाना चाहिए । यदि देश-विदेश में इस प्रकार के हिन्दू विरोधी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, तो सुप्त हिन्दुओं को जगा कर इसके संबंध में जागरूक कराना एवं सनातन हिन्दू धर्म के दर्शन का प्रचार-प्रसार करना, यह हमारा (हिन्दुत्वनिष्ठों) दायित्व है । हिन्दू राष्ट्र के कार्य को आशीर्वाद एवं सफलता प्राप्त हुई है तथा केवल हमें कृति करनी हैं” ; ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ चारुदत्त पिंगळे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से, ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र सम्मेलन’ के एक भाग के रूप में, १२ सितंबर २०२१ को एक ‘ऑनलाइन हिन्दुत्व संरक्षण बैठक’ का आयोजन किया गया था । उस समय वे मार्गदर्शन कर रहे थे । बैठक में नेपाल, श्रीलंका एवं बांग्लादेश सहित संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों के अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ सम्मिलित हुए थे । गणमान्य व्यक्तियों ने हाल ही में संपन्न हुए हिन्दू-विरोधी सम्मेलन, ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए ।
बैठक के प्रारंभ में, हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळ ने बैठक का उद्देश्य स्पष्ट किया, जबकि हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने बैठक की प्रस्तावना करते हुए, दर्शकों को ‘ डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ के विरुद्ध वैधानिक पद्धति द्वारा की गई लडाई से अवगत कराया । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने बैठक का संचालन किया ।