युवा ईसाइयों को ‘लव जिहाद’ में फंसाने के लिए, मौलवियों द्वारा काले जादू का उपयोग !

‘लव जिहाद’ के प्रति जागरूकता बढाने के लिए, केरल के चर्च द्वारा प्रकाशित एक पत्रक में दी गई जानकारी !

कट्टरपंथी, गैर-मुसलमानों को ‘लव जिहाद’ में खींचने के लिए बहुत अधिक प्रयत्न कर रहे हैं । इसलिए, यह एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है और हिन्दू, सिख, ईसाई एवं जैन सहित सभी संप्रदायों के लोगों को इसके विरोध में एकजुट होकर केंद्र सरकार से ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध एक राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग करनी चाहिए !- संपादक

तिरुवनंतपुरम (केरल) – तिरुवनंतपुरम के कोलिकोड जिले के थमारसेरी क्षेत्र में, चर्च के कॅटेसिस विभाग ने ‘लव जिहाद’ के संबंध में जागरूकता बढाने के लिए, एक पुस्तिका प्रकाशित की है । इसमें कहा गया है, कि मौलवी, युवा ईसाइयों को “लव जिहाद” में फंसाने के लिए काले जादू का प्रयोग करते हैं ।

इस पुस्तिका में, ‘लव जिहाद’ के सभी ९ चरणों को जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है, कि कट्टरपंथी, युवा ईसाइयों को फंसाने के लिए अपनी लेखनी, रूमाल, बाल आदि का इस्तेमाल करते हैं ।

चर्च के ‘लव जिहाद’ की जागरूकता मुहीम का कट्टरपंथियों द्वारा विरोध !

चर्च निरंतर विभिन्न प्रकार के जिहाद के संबंध में जागरूकता बढा रहा है,  इसलिए, चर्च को भी कडे विरोध का सामना करना पड रहा है । थमारसेरी क्षेत्र में, चर्च के धार्मिक शिक्षा निदेशक फादर जॉन पल्लीक्कवयाल ने सूचित करते हुए कहा कि, “इस पुस्तिका का उद्देश्य युवा ईसाइयों की रक्षा करना एवं यह सुनिश्चित करना है कि वे ईसाई धर्म में ही रहें । इससे यदि किसी को असुविधा हुई है, तो उसके लिए हम क्षमा चाहते हैं ।” ‘सर्वाधिकार आरक्षण समिति’ के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने ‘लव जिहाद’ का समर्थन करते हुए कहा, “इस्लाम अन्य समुदायों की महिलाओं के यौन शोषण की अनुमति देता है । ऐसा करने से उन्हें ‘जन्नत’ (स्वर्ग) की प्राप्ति होती है ।”

लव जिहाद के विरोध में ईसाई पादरियों में भारी असंतोष !

१. फादर जॉन पल्लीक्कवयाल ने दावा किया, कि उनके विभाग में १६० महिलाओं को “लव जिहाद” से बरगलाया गया था । लव जिहाद के आरोपों की जांच में पाया गया, कि १०० से अधिक महिलाओं का यौन उत्पीडन किया गया था ।

२. सायरो मालाबार चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारनगट्ट ने हाल ही में कहा था, कि केरल में हिन्दू और ईसाई युवतियों को न केवल ‘लव जिहाद’ के लिए, अपितु ‘नारकोटिक्स जिहाद’ के लिए भी निशाना बनाया जा रहा है । ‘नारकोटिक जिहाद’ नशे की लत से युवाओं का जीवन ध्वस्त करने वाला है ।

३. केरल के कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने “लव जिहाद” के कारणों की अनदेखी करने और लापता महिलाओं और युवतियों के प्रकरणों की ठीक से जांच करने में विफल होने के लिए, राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना की थी ।

४. सीरो मालाबार चर्च के सार्वजनिक माध्यम आयोग ने गत वर्ष एक पत्रक जारी किया था । उसमें कहा है, कि केरल से इस्लामिक स्टेट में सम्मिलित होने वाली २१ महिलाओं में से १० से अधिक ईसाई समुदाय से थीं ।

‘मौलवी ईसाई युवतियों पर करते हैं काला जादू’ : लव जिहाद से बचने के लिए केरल चर्च ने जारी की हैंडबुक, ९ चरणों का उल्लेख !

इस्लामिक संगठन ने की पुस्तकें जब्त करने की मांग !

चर्च की हैंडबुक पर आपत्ति जताते हुए, एन.ए.एम. अब्दुल खादर की अध्यक्षता में ‘सर्वाधिकार संरक्षण परिषद’ ने पुस्तक को तत्काल जब्त करने की मांग की ।

उन्होंने पुस्तक में की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए विचित्र वक्तव्य  दिया कि, “इस्लाम में अन्य समुदायों की महिलाओं के यौन शोषण की अनुमति है, क्योंकि, ऐसा करने से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है ।” मुसलमान सुन्नी संगठन ने इसे दोनों समुदायों के बीच में जानबूझकर कलह उत्पन्न करने का एक प्रयास बताया गया है ।

सुबा ने क्षमा मांगी !

चर्च की लव जिहाद पुस्तिका को लेकर मुसलमानों के व्यापक विरोध के बाद, थमारसेरी के गवर्नर ने क्षमा मांगी है । उन्होंने कहा है, कि पुस्तक प्रकाशित करने का उद्देश्य केवल युवाओं को ईसाई धर्म में रखना और महिलाओं की रक्षा करना था । फादर जॉन पल्लिकवायल ने कहा, “यदि किसी को इससे कष्ट हुआ हो अथवा ठेस पहुंची हो, तो हम क्षमा मांगते हैं ।”

जेसुइट पादरी ने  इसे “संघ का षड्यंत्र” कहा !

चर्च और ईसाई समुदाय में, महिलाओं और युवतियों के यौन शोषण के कई प्रकरण होने पर भी, जेसुइट पादरी-कार्यकर्ता सेड्रिक प्रकाश ने बिशपों को ‘संघ परिवार के जाल’ में फंसने से बचने के लिए एक खुला पत्र लिखा है । पादरी और कार्यकर्ता ने अपने पत्र में जोर देकर कहा, कि ऐसी कहानियां, आवश्यक राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने का एक मार्ग है ।

ईसाइयों के सामने आने वाले गंभीर खतरों का जिक्र करते हुए उन्होंने पत्र में कहा, “हाल के कुछ प्रकरणों से यह स्पष्ट होता है, कि कोई कितनी सहजता से संघ परिवार के प्रचार का हिस्सा बन सकता है, जो अन्य धर्मों एवं उनकी मान्यताओं का प्रचार करने के अधिकार को नकारता है ।”

बिशप और सरकार को बदनाम करने का प्रयत्न करते हुए, फादर प्रकाश ने चर्च पर वित्तीय और यौन शोषण सहित, विभिन्न चर्च घोटालों को हल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया ।

सिरो-मालाबार चर्च ने पहले नोटिस जारी किया !

सिरो-मालाबार चर्च के पाला सुबा के बिशप जोसेफ कल्लारनगट्ट ने हाल ही में कहा था, कि केरल में युवा ईसाई युवकों और युवतियों को न केवल ‘लव जिहाद’ के लिए, अपितु ‘नारकोटिक्स जिहाद’ के लिए भी निशाना बनाया जा रहा है ।

इससे पहले, इस वर्ष अगस्त मास में, चर्च ने ईसाई परिवारों को अपने समुदाय की युवा युवतियों को फंसाने के प्रयत्न कर रहे विभिन्न “समूहों” के विरोध में चेतावनी जारी की थी ।

इसी प्रकार, केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने भी इस मुद्दे पर आंखें मूंद लेने और ‘लापता महिलाओं और बच्चों’ के प्रकरणों की ठीक से जांच नहीं करने के लिए, राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना की थी । सिरो मालाबार चर्च के सामाजिक माध्यम आयोग ने गत वर्ष एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था, कि केरल से इस्लामिक स्टेट में सम्मिलित होने वाली २१ महिलाओं में से आधी ईसाई समुदाय से हैं ।