‘इको फ्रेंडली’ (पर्यावरण के अनुकूल) के नाम पर हिन्दू धर्म पर आक्रमण !
गत कुछ वर्षों से जानबूझकर केवल हिन्दू धर्म के लिए ही ‘इको फ्रेंडली’ त्योहार मनाने की प्रथा बनाई जा रही है । वहीं दूसरी ओर, मोहर्रम, बकरी ईद, आदि त्योहार उस धर्म की परंपरा के अनुसार पर्यावरण को लात मारकर मनाए जा रहे हैं । परंतु, इसकी बात कोई भी नहीं करता है । यदि किसी ने आवाज उठाने का प्रयास किया, तो उसे ‘धर्मांध’ कहा जाता है तथा उसकी अवहेलना की जाती है ; यह ध्यान रखें ! – संपादक
लुधियाना (पंजाब) – यहां के बेकरी व्यापारी हरजिंदर सिंह कुकरेजा ने श्री गणेश चतुर्थी के निमित्त, श्री गणेश की चॉकलेट की मूर्ति बनाई है । इस मूर्ति को देखने के लिए, बेकरी के बाहर बडी संख्या में लोगों की भीड उमड रही है । उन्होंने कहा, कि उन्होंने यह ‘ईको फ्रेंडली’ मूर्ति बनाई है । वे गत ६ वर्षों से चॉकलेट की मूर्ति बना रहे हैं । कुकरेजा ने कहा, “इससे हम यह संदेश देना चाहते हैं, कि हम ‘ईको फ्रेंडली’ (पर्यावरण के अनुकूल) पद्धति से गणेशोत्सव मना सकते हैं ।” उन्होंने पर्यावरण के लिए हानिकारक गणेश मूर्तियों का अल्प प्रयोग करने का आवाहन किया । (क्या कुकरेजा यह आवाहन करने का साहस कर सकते हैं कि, ‘पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध होने वाली बकरी ईद न मनाएं ?’ – संपादक)