छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन के एक प्रकरण में भीड़ ने थाने में घुसकर तोड़फोड़ की एवं एक पादरी समेत तीन लोगों को पीटा !

एक अन्य प्रकरण में भीड ने एक ईसाई प्रचारक के घर में घुसकर उसकी पिटाई कर दी !

  • यदि ईसाई-प्रेमी कांग्रेस के राज्य में ईसाई प्रचारकों की गतिविधियां बढ गई हों और यह समाज के लिए कष्टप्रद हो जाए, तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है ? छत्तीसगढ में धर्मांतरण पर कोई नियंत्रण न होने के कारण, यदि जनता कानून अपने हाथ में ले, तो यह कांग्रेस की ईसाईयों का अनुमोदन करने की नीति के कारण है ! – संपादक

  • केंद्र सरकार को शीघ्रातिशीघ्र धर्मांतरण विरोधी कानून पारित करना चाहिए, अन्यथा ऐसी घटनाएं निरंतर होने लगेंगी । इसके फलस्वरूप, कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है और देश में अशांति निर्माण हो सकती है ! – संपादक

रायपुर (छ.ग.) – रायपुर के बस्ती थाने की पुलिस ने हरीश साहू को धर्मांतरण के आरोप में थाने बुलाया था । उनके साथ छत्तीसगढ क्रिश्चियन फोरम के महासचिव अंकुश बरियाकर और प्रकाश मसीह भी थे । (ये धर्मान्तरित लोग अपना हिन्दू नाम रखते हैं । ऐसा करने से, दूसरे हिन्दुओं को भ्रमित कर, उनका धर्म परिवर्तन करना सहज हो जाता है ! – संपादक) घटना का एक वीडियो सोशल माध्यमों पर बहुत अधिक प्रसारित हो रहा है । इस घटना के विरोध में ईसाइयों ने थाने के बाहर प्रार्थना की, जबकि हिन्दुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया ।

कबीरधाम जिले में हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाले ईसाई धर्म के प्रचारक को पीटा !

एक अन्य घटना में, कबीरधाम जिले के एक सुदूर गांव में कवलसिंह परस्ते नाम के ईसाई धर्म प्रचारक के घर में ग्रामीणों ने तोडफोड की और उसकी पिटाई भी की । इस समय भीड ने आदिवासियों का धर्म परिवर्तन रोकने की घोषणा भी की । भीड ने ईसाई धर्मप्रचारक को आदिवासियों का धर्म परिवर्तन न करने के लिए ठीक से भी समझाया । छत्तीसगढ में क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष ने, राज्य सरकार और पुलिस पर आरोपियों के विरुद्ध  उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है । (ईसाइयों का मिथ्या रुदन ! कट्टर ईसाइयों की गतिविधियों ने भीड को भडकाया है । इसलिए, पहले ऐसे कट्टर ईसाइयों पर कार्रवाई होनी चाहिए ! – संपादक)