देशभक्तों को लगता है, कि सरकार को केवल अपराध प्रविष्ट न कर, ऐसे लोगों को तत्काल बंदी बनाकर, उन्हें मृत्युदंड देने का प्रयत्न करना चाहिए ! – संपादक
श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – कश्मीर में अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी का १ सितंबर को निधन हो गया । उनके शव को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दफना दिया था । पुलिस ने गिलानी का शव उसके परिवार से हस्तगत किया । मृत देह चूंकि पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था एवं उस समय भारत विरोधी नारेबाजी की जार ही थी, इसलिए, पुलिस ने वहां पर उपस्थित लोगों व परिवार के सदस्यों के विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट किया है, पुलिस ने ऐसा बताया । उसकी अंतिम यात्रा में बडी संख्या में लोगों के एकत्रित होने व दंगा होने की संभावना को देखते हुए, पुलिस ने शव को हस्तगत कर अपने नियंत्रण में लेकर दफन कर दिया । यह कहा जाता है, कि गिलानी की मृत्यु के उपरांत, कश्मीर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं । ४ सितंबर की रात, सेवा पुन: आरंभ होने के उपरांत, गिलानी के शव को पुलिस द्वारा अभिरक्षा में लिए जाने का एक वीडियो सामने आने के पश्चात यह जानकारी सामने आई ।
Police has registered an FIR against the draping of the body of hardline separatist leader #SyedAliShahGeelani in a #Pakistani flag after his death on Wednesday, officials said.https://t.co/VzQYFFUAqf
— India TV (@indiatvnews) September 4, 2021
एक वीडियो में गिलानी के शव के आसपास भारी भीड एकत्रित दिखाई देती है । गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा हुआ दिख रहा था । जिस कक्ष में शव रखा गया था, वहां पुलिस भी दिखाई दे रही थी । यह भी देखा गया है, कि उस समय पुलिस के साथ हाथापाई भी की गई ( पुलिस के साथ हाथापाई करने वालों को कारागार में बंद किया जाए ! – संपादक) । जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा, “देश के विरोध में कार्रवाई करने वालों पर अपराध प्रविष्ट किया गया है ।”