परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
इस विषय में बुद्धिजीवियों को क्या कहना है ?
‘नोबेल पुरस्कार प्राप्त करनेवालों के नाम कुछ वर्षों में ही भुला दिए जाते हैं; परंतु धर्मग्रंथ लिखनेवाले वाल्मीकि ऋषि, महर्षि व्यास वसिष्ठ ऋषि इत्यादि के नाम युगों- युगों तक चिरंतन रहते हैं ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले