नई दिल्ली – कोरोना प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनों डोज लेने वालों को भी दिसंबर २०२२ तक मास्क पहनना अनिवार्य ही है, ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है ।
१. महामारी रोगों के विशेषज्ञ डॉ. विश्वास मोंडे ने कहा कि, ७० प्रतिशत जनसंख्या का वैक्सीनेशन होना चहिए । अभी वैक्सीनेशन की जो गति है, उसे देखते हुए इस लक्ष्य को पाना कठिन दिख रहा है । इस कारण यह प्रक्रिया अधिक जल्दी होनी चाहिए । वैक्सीन लेने के बाद प्रत्येक के शरीर में एंटीबॉडीज कितनी संख्या में निर्माण होंगे, यह वैद्यकीय जांच किए बिना नहीं बता सकते । जनसंख्या का ऐसा बडा परीक्षण भी अभी हुआ नहीं है । कोरोना प्रतिबंध के लिए जिन डॉक्टरों का प्रधानता से वैक्सीनेशन किया गया था, उन्होंने भी मास्क का प्रयोग नियमित चालू रखा है ।
२. महामारी रोगों के विशेषज्ञ डॉ. आर.एम.नायर ने कहा कि, कोरोना होने के बाद शारीरिक, मानसिक साथ ही अन्य अलग अलग स्तरों का कष्ट सहन करने की अपेक्षा वैक्सीनेशन के कारण प्रतिकारशक्ति निर्माण होना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है । वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण होने की संभावना न्यून होती है । इस कारण कोरोना का संक्रमण होने के बाद भी अन्य प्रकार की व्याधियां टलती है । वैक्सीनेशन के बाद भी हल्का कष्ट हुए व्यक्तियों के संक्रमण का कष्ट वैक्सीन ना लेने वाले अन्य व्यक्तियों को गंभीर रूप में हो सकता है ।