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सूरत (गुजरात) – यहां ५१ वर्षीय शेक मोहम्मद अख्र्तर ने हिन्दू नाम रखकर एक २२ वर्षीय हिन्दू युवती से विवाह किया । विवाह के बाद उसे बुरखा पहनने और नमाज पढने के लिए सख्ती की और इसलिए उसे प्रताडित किया । उसके ऊपर धर्मांतरण करने का दबाव बनाया गया । इस मामलें में प्रारंभ में पुलिस ने ‘लव जिहाद’ कानून के अंतर्गत शिकायत लिखने में टालमटोल किया; परंतु हिन्दू जागरण मंच के आंदोलन के बाद पुलिस ने इस कानून के अंतर्गत शिकायत लिखी । (हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने आंदोलन नहीं किया होता, तो पुलिस शिकायत नहीं लिखती ! – संपादक)
१. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक कंपनी में पीडिता की अख्तर से पहचान हुई । बाद में उसने मुकेश इस झूठे नाम से उससे परिचय बढाया । साथ ही वह रेलवे में नौकरी करता है ऐसा झूठ बताया ।
२. बाद में वर्ष २०१९ में दोनों ने हिन्दू पद्धति से विवाह किया और उन्हें एक लडका हुआ । एक दिन अख्तर के व्यवहार से पीडित युवती को संदेह हुआ । इस कारण उसने उसका पहचान पत्र देखा जिसमें वह मुसलमान है, ऐसा ध्यान में आया ।
३. स्वयं की पहचान उजागर होने पर अख्तर ने पीडिता को सताना आरंभ किया, साथ ही लडके का धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव निर्माण किया ।
शिकायत लिखने में पुलिस द्वारा टालमटोल !
अख्तर का सच्चा रूप जानने के बाद पीडिता डिंडोली पुलिस के पास गई । पहले पुलिस ने शिकायत लिखने में टालमटोल किया । पीडि़ता को ‘लव जिहाद’ कानून के अंतर्गत शिकायत प्रविष्ट करवानी थी; परन्तु पुलिस ने दहेज के लिए सताने का मामला लिखा । इस कारण पीडि़ता ने ‘हिन्दू जागरण मंच’ से संपर्क किया । मंच ने पुलिस के विरोध में २८ घंटे आंदोलन किया । इसके बाद पुलिस ने ‘लव जिहाद’ कानून के अंतर्गत मामला प्रविष्ट किया । (गुजरात में हिन्दुत्वनिष्ठ पार्टी की सरकार होते हुए भी एक हिन्दूत्वनिष्ठ पार्टी को २८ घंटे आंदोलन करना पडता है । इससे ध्यान में आता है कि यहां की पुलिस ‘लव जिहाद’ के विषय में कितनी गंभीर है । ऐसे पुलिसवालों को तत्काल निलंबित कर उन्हें कारागृह में डालना चाहिए ! – संपादक)
पुलिस ने बताया कि, आरोपी ने पीड़ता को रेलवे में नौकरी लगवाने के बहाने उसके मायके के लोगों से १४ लाख रूपए हडप लिए । अख्तर विवाहित है और उसे ३२ वर्ष की एक लडकी है । शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर इस मामले की जांच कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि, इस मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करने की आवश्यकता है । (पुलिस आयुक्त द्वारा उनके अधिकार का प्रयोग कर शिकायत लिखने में टालमटोल करने वाली पुलिस पर कार्यवाही करना आवश्यक है ! – संपादक)