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पूना – मैंने हमेशा ही देखा है कि चित्रपटों में भारतीय सेना के अधिकारियों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जाता है । इन चित्रपटों में सुंदर अभिनेत्रियों के कर्नल पिता को हमेशा ही बुरा दिखाया जाता है । उनके एक हाथ में बंदूक और दूसरे हाथ में व्हिस्की की बोतल दिखाई जाती है । मुझे यह हमेशा कहीं कष्टदायक लगता है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का मैं सम्मान करता हूं; लेकिन मुझे लगता है कि, इस प्रकार किसी एक समाज को और व्यक्ति विशेष को दिखाना टालना चाहिए, ऐसा आवाहन भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने यहां किया । ‘फिल्म एंड टेलिवीजन इन्स्ट्टियूट ऑफ इंडिया’ के दूरचित्रवाणी शाखा के स्वर्ण जयंती का यहां कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम के उद्घाटन के समय सेना प्रमुख बोल रहे थे ।