केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा १०२ वें संवैधानिक संशोधन में परिवर्तन किए जाने से आरक्षण के अधिकार अब राज्यों को भी मिलेंगे !

मराठा आरक्षण का प्रकरण

संविधान कर्ता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने ‘जातियों पर आधारित आरक्षण को स्वतंत्रता के १० वर्ष के लिए ही रखना चाहिए’, यह स्पष्ट किया था, इसे ध्यान में रखिए ! – संपादक

मराठा आंदोलन (प्रातिनिधिक छायाचित्र)

नई दिल्ली – आरक्षण देने के अधिकार अब राज्य सरकारों को भी मिलनेवाले हैं । केंद्रीय मंत्रीमंडल समिति ने यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण के संदर्भ में पुनर्विचार याचिका अस्वीकार किए जाने के उपरांत केंद्र सरकार ने यह बडा निर्णय लिया है । केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इसके लिए १०२ वां संवैधानिक संशोधन कर आरक्षण के संदर्भ में विधेयक में परिवर्तन किया है । इससे पूर्व, मराठा आरक्षण के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय के ५ न्यायाधिशों की खंडपीठ ने मराठा आरक्षण पर निर्णय देते समय कहा था कि, ‘वर्तमान में आरक्षण का अधिकार केवल राष्ट्रपति एवं संसद के पास ही है ।’ उक्त संवैधानिक संशोधन विधेयक में परिवर्तन कर अब केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार प्रदान कर संबंधित स्तरों पर निर्णय लेने के अधिकार राज्यों को प्रदान किए हैं ।