धर्मांध तांत्रिक द्वारा महिला लैंगिक शोषण और धर्मांतरण

  • दिल्ली के शाहदरा क्षेत्र की घटना !

  • धर्मांध द्वारा पीडिता की अवयस्क भतीजी का अनेक वर्षों तक बलात्कार

  • धर्मांध द्वारा महिला पर अत्याचार होते समय धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा पीटने वाले प्रसार माध्यम चुप क्यों रहते हैं ? इस पर भी चर्चा का आयोजन करना चाहिए, ऐसा उन्हें क्यों नहीं लगता ?
  • ऐसे वासनांध धर्मांधों को शरियत कानून के अनुसार दंड देने की मांग किसी ने की, तो आश्चर्य न लगे !
आरोपी झाकीर

देहली – यहां के शाहदरा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला और उसकी भतीजी का लैंगिक शोषण करने के मामले में एक धर्मांध तांत्रिक के विरोध में स्थानीय पुलिस थाने में दो प्राथमिकी रिपोर्ट प्रविष्ट की गई है । धर्मांध ने महिला का धर्मांतर किया; लेकिन भतीजी द्वारा धर्मांतरण का विरोध किए जाने पर उसका धर्मांतरण करने में उसे असफलता मिली ।

१. पीडित महिला के अनुसार वर्ष २००५ में वह १० वर्ष की थी । तब उसे हुई बीमारी को ठीक करने के लिए यह जाकीर नाम के तांत्रिक के पास गई थी । तब से तांत्रिक का पीडिता के घर आना जाना शुरू हुआ । पीडिता के माता-पिता शिक्षक थे । कुछ समय बाद मां की मृत्यु हो गई ।

२. पीडिता जब १३ वर्ष की थी आरोपी ने उसका पहली बार बलात्कार किया । तब से आरोपी पीडिता का लैंगिक शोषण करता आ रहा है । इस काल में आरोपी ने पीडिता का ४ बार गर्भपात करवाया । उसने पीडिता की अवयस्क भतीजी को भी उसकी वासना का शिकार बनाया ।

३. जाकिर ने पीडिता महिला का जन्मवर्ष १९९५ होते हुए १९८५ दिखाकर झूठा प्रतिज्ञापत्र बनवाया । इसके बाद उससे बलपूर्वक विवाह किया । उसके पिता की मृत्यु के बाद हिंदू पद्धति से अंतिम संस्कार करने से मना किया और उनका मुसलमान पंथ के अनुसार दफन किया ।

४. शाहदरा पुलिस थाने में दोनों पीडितों की शिकायत पर दो प्राथमिकी रिपोर्ट प्रविष्ट की गई है । एक मामले में पीडिता (पीडित महिला की भतीजी) अवयस्क होने से उसमें ‘पॉक्सो’ कानून लगाया गया है; फिर भी आरोपी को अंतरिम जमानत मिल गई है । इसलिए आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है । आरोपी को सहायता करने के लिए पुलिस ने जानबूझकर लापरवाही की, ऐसा पीडिता ने आरोप लगाया है । (पुलिस पीडितों को सहायता करना छोड आरोपी को सहायता करने के कारण समाज में बलात्कार की घटनाएं बढ रही हैं, ऐसा जनता को लगने में आश्चर्य नहीं ! – संपादक)

५. पीडिता की भतीजी ने बताया, ‘‘जब मै चौथी कक्षा में थी तब जाकिर ने मेरा बलात्कार किया । इसके बाद उसने नियमित मेरा लैंगिक शोषण किया । वर्ष २०१७ से मैंने उसका विरोध करना शुरू किया । इसके बाद उसने मुझे शारीरिक प्रताड़ना दी । पुलिस में शिकायत प्रविष्ट करते समय मेरी उम्र १६ वर्ष होते हुए जानबूझकर २१ वर्ष लिखी गई ।’’ (ऐसे पुलिसवालों को तुरंत निलंबित कर उनके उपर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ! – संपादक)