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नई दिल्ली – पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर विपक्ष के विरोध के चलते ७ दिनों में लोकसभा के ३८ घंटे और राज्यसभा के ३३ घंटे ८ मिनट बर्बाद हो गए । संसद का मानसून सत्र १९ जुलाई को प्रारंभ हुआ था। संसद ने कुल ९ दिनों तक कार्य किया। गत ७ दिनों में लोकसभा में केवल ४ घंटे और राज्यसभा मे ८ घंटे २ मिनट ही कामकाज हो सका । जिसके फलस्वरूप संसद के दोनों सदनों में कुल ५३ करोड ८५ लाख रुपयों की हानि हुर्इ । संसद के एक घंटे का व्यय २.५ लाख रुपए है। अधिवेशन का दूसरा सप्ताह समाप्त हुआ है।
सत्र में अब तक इन सूत्रों पर हो चुका है बवाल !
१. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा के बीच का विवाद
२. ‘देश भर में ऑक्सीजन की कमी से एक भी रोगी की मृत्यु नहीं हुई ’, ऐसा केंद्र सरकार वक्तव्य
३. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के सांसदों द्वारा विरोध प्रदर्शन तथा २२ जुलाई से जंतर-मंतर पर किसानों का आंदोलन
४. पेगासस जासूसी प्रकरण
५. तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन का निलंबन
भविष्य में कागज-पत्र फेंकने जैसे कदाचारी सांसदों पर लगाया जा सकता है अभियोग ! – लोकसभा अध्यक्ष की चेतावनी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को चेतावनी दी कि कागज-पत्र फेंकने जैसी अनुचित कृति करने पर उनके विरोध में कार्रवार्इ की जा सकती है। विपक्षी सांसदों ने २८ जुलाई को सदन में कागज-पत्र फेंके थे । उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की ओर भी कागज फेंके थे , इसीलिए सभापति ने उन्हें उपरोक्त चेतावनी दी। उन्होंने आगे कहा कि इस कक्ष में जिस प्रकार से कागज फेंके गए, वह अत्यंत दु:खद एवं इस प्रतिष्ठित सदन की नैतिकता के विरुद्ध था । किसी सांसद को कोई समस्या हो, तो वह मेरे कार्यालय में आकर उसे प्रस्तुत कर सकता है ।