Canada Vote Bank Politics : कनाडा की ट्रुडो सरकार के आरोप खालिस्तानियों की वोटबैंक से प्रेरित !

  • खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के पीछे भारत के कनाडा के उच्चायुक्त होने का कनाडा के आरोपों पर भारत ने सुनाया !

  • कनाडा स्थित भारत के दूतावास के ६ अधिकारियों को देश छोडने का आदेश

  • भारतीय उच्चायुक्तों को भारत ने वापस बुला लिया

भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  और कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो

ओटावा (कनाडा) / नई देहली – कनाडा के खालिस्तानी आतंकवादी हरदीपसिंह निज्जर की हत्या के प्रकरण में कनाडा ने वहां के भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार एवं अन्य राजनयिकों का संदिग्ध के रूप में उल्लेख करने से भारत ने संजय कुमार वर्मा को भारत वापस बुला लिया है । साथ ही कनाडा स्थित भारत के उच्चायुक्तालय के ६ अधिकारियों को भारत कनाडा छोडने का आदेश दिया है । भारत के इस कृत्य के उपरांत कनाडा ने भी वहां के भारतीय उच्चायुक्तालय के ७ भारतीय अधिकारियों को भारत कनाडा छोडने का आदेश दिया । भारत ने कनाडा के अधिकारियों को १९ अक्टूबर तक देश से चले जाने की अवधि दी है । कनाडा ने लगाए हुए आरोप दृढता से अस्वीकार करते हुए भारत ने कहा, ‘इसके पीछे ट्रुडो सरकार की राजनीति है, जो खालिस्तानियों की वोटबैंक से प्रेरित है । कनाडा बहुत समय से यह कर रहा है । उनके मंत्रियों में भारत विरुद्ध गतिविधियां करनेवाले आतंकवादी एवं अलगाववादी नीतियों से संबंधित व्यक्ति समाहित हैं ।

प्रधानमंत्री ट्रुडो ने सितंबर २०२३ में कुछ आरोप लगाए थे । परंतु, कनाडा सरकार को अनेक बार पूछने पर भी उसने एक भी प्रमाण भारत सरकार को नहीं दिया है । यह नया आरोप भी इसी पद्धति से लगाया गया है ।

विदेश मंत्रालय ने निवेदन में आगे कहा, ‘ट्रुडो सरकार को जानकारी होते हुए भी उसने कनाडा के भारतीय राजनयिक एवं समुदाय के नेताओं को धमकी देनेवाले हिंसक कट्टरतावादी एवं आतंकवादियों को आश्रय दिया है । इसमें भारतीय नेताओं को जान से मार डालने की धमकियां भी समाहित हैं । गैरकानूनी पद्धति से कनाडा में प्रवेश किए हुए कुछ लोगों को शीघ्र नागरिकता दी गई । कनाडा के आतंकवादी एवं संगठित अपराधिता करनेवालों के प्रत्यर्पण हेतु भारत सरकार की अनेक विनति भी अस्वीकार कर दी गई हैं ।’

कनाडा के भारत स्थित राजदूतों को भारत ने सुनाया !

कनाडा द्वारा भारत को भेजे गए पत्र में हरदीपसिंह निज्जर का नाम नहीं लिया गया है । अपितु कनाडा का नागरिक’ उल्लेख किया गया है । कनाडा से पत्र प्राप्त होते ही भारत ने १४ अक्टूबर की शाम कनाडा के भारत स्थित राजदूतों को विदेश मंत्रालय के कार्यालय में बुलाकर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं’, इस प्रकार आडे हाथ लिया । तदनंतर भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त एवं अन्य अधिकारियों को वापस बुलाने की जानकारी दी ।

(और इनकी सुनिए…) ‘हमने प्रमाण दिए हैं !’ – कनाडा

विदेश मंत्रालय से बाहर जाते कनाडा के भारत स्थित उप उच्चायुक्त स्टुअर्ट विलर 

कनाडा के भारत स्थित उप उच्चायुक्त स्टुअर्ट विलर ने विदेश मंत्रालय से बाहर जाकर कहा, ‘ भारत अनेक दिनों से जिसकी मांग कर रहा था, उसकी कनाडा सरकार ने आपूर्ति की है । कनाडा की भूमि पर कनाडा के नागरिक की हत्या से भारतीय हस्तकों (एजेंटों) का संबंध जोडनेवाले दृढ प्रमाण हमने भारत को दिए हैं । अब इन आरोपों पर भारत क्या कार्रवाई करता है, यह देखना है । यही दोनों देशों के हित में होगा । कनाडा सहयोग के लिए तैयार है ।’

कनाडा पर हमारा विश्‍वास नहीं ! – भारत

कनाडा स्थित भारत के उच्चायुक्त संजय कुमा वर्मा

इस संदर्भ में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘कनाडा स्थित भारत के उच्चायुक्त वर्मा को सुरक्षा प्रदान करने हेतु कनाडा सरकार पर हमारा विश्‍वास नहीं है ।’

भारतीय हस्तकों को बिश्‍नोई दल की सहायता ! – कनाडा पुलिस

कनाडा पुलिस ने १४ अक्टूबर को प्रेस कान्फ्रेंस भी बुलाई । इसमें पुलिस आयुक्त माईक दुहेमे ने कहा, ‘कनाडा स्थित भारतीय राजनयिक एवं अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर भारत सरकार के लिए गुप्त पद्धति से जानकारी इकट्ठा की है । इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने हस्तकों का प्रयोग किया । इनमें से कुछ हस्तकों को धमकाया गया तथा भारत सरकार के साथ काम करने हेतु उनपर दबाव डाला गया । भारत द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी का उपयोग दक्षिण आशियाई लोगों को लक्ष्य (टार्गेट) बनाने हेतु किया जाता है । इसके प्रमाण हमने भारत सरकार के अधिकारियों को दिए थे एवं उन्हें हिंसा रोककर सहयोग करने की चुनौति दी थी ।’

सहायक आयुक्त ब्रिजिट गौविन ने कहा, ‘हमारी जांच में ऐसा पाया गया है कि ये हस्तक संगठित अपराधिकता घटकों का प्रयोग करते हैं । इस दल में विशेष रूप में बिश्‍नोई दल समाहित है । हमें विश्‍वास है कि यह दल भारत सरकार के हस्तकों से संबंधित है ।’

वर्तमान में जो कुछ चल रहा है, वह असहनीय है ! – प्रधानमंत्री ट्रुडो

प्रेस कान्फ्रेंस में बात करते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो (बीच में)

ओटावा में प्रेस कान्फ्रेंस लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘निज्जर हत्याप्रकरण में भारत के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से सहभागी हैं, यह बात हम जानते हैं । हमने समय समय पर इसकी जानकारी भारत सरकार को दी है । इसके प्रमाण भी भारत सरकार को प्रस्तुत किए गए हैं । ये प्रमाण हमने पिछले सप्ताह में भारत सरकार से प्रस्तुत किए थे । साथ ही हमने विनति करते हुए कहा था कि इस प्रकरण की जांच में सहयोग करें । परंतु भारत ने हमें कोई सहयोग नहीं किया । इतना ही नहीं, अपितु मैंने स्वयं इस प्रकरण में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की थी । परंतु उसका कुछ भी लाभ न हुआ । भारत ने प्रत्येक समय ये आरोप अस्वीकार कर दिए । इसके विपरीत भारत द्वारा मुझ पर ही व्यक्तिगत आरोप लगाए गए ।’

उन्होंने आगे कहा, ‘दोनों देशों के मध्य संबंध महत्त्वपूर्ण है । इसका हमें भान है । दोनों देशों के मध्य संबंध बिगड जाएं, इस हेतु से हम ये आरोप नहीं लगा रहे; अपितु वर्तमान में जो कुछ चल रहा है, वह हमारे लिए असहनीय है । हम भारत की सार्वभौमता एवं अखंडता का आदर करते हैं, साथ ही भारत को भी कनाडा की सार्वभौमता एवं अखंडता का आदर करना चाहिए, ऐसी हमारी अपेक्षा है । एक प्रधानमंत्री के रूप में देश के असुरक्षित घटकों को समर्थन देना, यह मेरा कर्तव्य है ।’

निज्जर हत्या का प्रकरण

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर

१. १८ जून २०२३ को कनाडा के सरे में गुरुद्वारा के निकट खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी ।

२. आगे १८ सितंबर २०२३ को कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का सहभाग होने का आरोप लगाया था, जो भारत ने अस्वीकार कर दिया था ।

३. तदनंतर इस वर्ष ३ मई को निज्जर की हत्या में ३ अपराधियों को बंदी बनाया गया था । तीनों अपराधी भारतीय हैं । कनाडा पुलिस ने अपना मत प्रदर्शित करते हुए कहा, ‘पुलिस अनेक माह से उनपर आंख रखी हुई थी । निज्जर को मारने का काम भारत ने उनको सौंपा था ।’ तब भारत ने इस प्रकरण में कहा था कि यह कनाडा का अंतर्गत प्रश्‍न है ।

ट्रुडो के लिए यह प्रकरण महत्त्वपूर्ण क्यों है ?

कनाडा में अक्टूबर २०२५ में संसदीय चुनाव होंगे । खालिस्तान समर्थक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के दल हेतु बडी वोटबैंक मानी जाती है । पिछले माह में ही खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह के एन.डी.पी. दल ने ट्रुडो सरकार को दिया हुआ समर्थन वापस ले लिया । इस कारण ट्रुडो सरकार अल्पमत में आ गई; परंतु १ अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रुडो की पार्टी को अन्य पार्टी का समर्थन मिला । इस कारण उनकी सरकार बच गई ।

वर्ष २०२१ की जनगणना के अनुसार कनाडा की कुल जनसंख्या ३ करोड ८९ लाख हैं । उनमें से १८ लाख भारतीय हैं । यह कनाडा की कुल जनसंख्या के ५ प्रतिशत हैं । इनमें से ७ लाख से अधिक सिक्ख हैं, जो कुल जनसंख्या के २ प्रतिशत हैं । उनमें से बडी मात्रा में खालिस्तान समर्थक हैं ।

संपादकीय भूमिका

खालिस्तानियों के मत पाने हेतु ट्रुडो सरकार खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन कर भारत पर जूठे आरोप लगा रही है । इस कारण भारत को चाहिए कि कनाडा सरकार को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करते रहे !