तालिबान ने चीन से मिलाया हाथ, कहा – चीन विरोधी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग नहीं होने देंगे  !

तालिबानी आतंकी चीन में जाकर विदेश मंत्री से मिले  !

तालिबान एवं चीन की मित्रता के विपरीत परिणाम भारत को भुगतने पडेंगे, इस बात का ध्यान रखते हुए रणनीति तैयार करना आवश्यक है  !

काबुल (अफगानिस्तान) – अफगानिस्तान से तालिबानी आतंकियों का एक गुट मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में चीन गया है । वहां इस आतंकियों के प्रतिनिधिमंडल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भेंट की । मुल्ला बरादर ने चीन को संबधित कर कहा कि  अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग किसी भी देश की सुरक्षा के विरुद्ध नहीं करने दिया जाएगा ।’ इस भेंट के कुछ दिन पूर्व पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एवं आईएसआई के प्रमुख फैज हामिद चीन में जाकर वांग यी से मिले थे । (भविष्य में यदि चीन, पाकिस्तान एवं तालिबान द्वारा एक साथ मिल कर भारत के विरुद्ध गतिविधियां करने की बात सामने आ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए  ! – संपादक)

१. चीन के शिनजियांग प्रांत से लगे आधे से अधिक सीमावर्ती क्षेत्र पर तालिबान का नियंत्रण है । चीन को भय है कि तालिबान शिनजियांग प्रांत में घुसपैठ कर वहां के उइगर मुसलमानों की सहायता करेगा ।

२. चीन ने तालिबानी आतंकियों को स्पष्ट कर दिया है कि तालिबान ने सभी आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंध समाप्त कर देने चाहिए । इसमें अल-कायदा प्रायोजित उइगर मुस्लिम विद्रोही संगठन ईटीआईएम (इस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट) भी सम्मिलित है । यह संगठन शिनजियांग प्रांत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा है ।