देश में गुनहगारों को अनेक वर्षों बाद भी सजा नहीं होगी, तो गुनहगारी कभी भी कम होगी क्या ? यह स्थिति अभी तक के सभी पार्टी के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद !
नई दिल्ली – वर्ष २०१४ से २०१९ इस के काल में देशद्रोह के अंतर्गत कुल ३२६ गुनाह प्रविष्ट किए गए थे और उनमें से केवल ६ लोगों की सजा दी गई, ऐसी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी है । वर्ष २०२० के आंकडे तैयार नहीं है ऐसा मंत्रालय की ओर से बताया गया ।
326 #sedition cases filed in #India between 2014-19; only 6 convictions https://t.co/O541ihc8tH
— Free Press Journal (@fpjindia) July 19, 2021
१. झारखंड में ४०, हरियाणा में ३१, बिहार, जम्मू-काश्मीर और केरल इन राज्यों में प्रत्येक में २५, कर्नाटक में २२, उत्तर प्रदेश में १७, बंगाल में ८, दिल्ली में ४, तो महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड इन राज्यों में प्रत्येक में एक गुनाह प्रविष्ट किया गया । अन्य कुछ राज्यों में भी गुनाह प्रविष्ट किए गए हैं ।
२. ३२६ गुनाहों में से सबसे अधिक ५४ गुनाह आसाम में प्रविष्ट किए गए हैं । विशेषता यह कि वर्ष २०१४ से २०१९ के बीच राज्य में एक भी व्यक्ति को सजा नहीं हुई ।
३. १४१ गुनाहों में आरोपपत्र प्रविष्ट किए गए और इनमें से केवल ६ लोगों को सजा हुई ।
४. ‘लोकमान्य तिलक आदि जैसे लोगों के लिए ब्रिटिशों द्वारा प्रयोग में लाए कानून देशद्रोह की भा.दं.सं की धारा १२४ (अ) को रद्द क्यों नहीं किया जाता ?’ ऐसा उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पूर्व केंद्र सरकार से पूछा था ।