संसद के वर्षाकालीन सत्र का आरंभ
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नई देहली – १९ जुलाई से आरंभ हुए संसद के वर्षाकालीन सत्र का प्रातःकाल आरंभ होते ही महंगाई, किसान आंदोलन एवं ‘पेगासस’ जैसे विभिन्न विषयों पर विपक्ष के गदर के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही संपूर्ण दिन के लिए स्थगित कर दी गई । यह सत्र १३ अगस्त तक चलेगा । इस सत्र में वित्त विषयक २ विधेयकों सहित ३१ विधेयक प्रस्तुत किए जा सकते हैं ।
संसदेच्या पावसाळी अधिवेशनाच्या पहिल्याच दिवशी दोन्ही सभागृहात विरोधकांचा जोरदार गदारोळ, लोकसभा आणि राज्यसभेचं कामकाज दोन वाजेपर्यंत तहकूब.@DDNewslive @DDNewsHindi #ParliamentMonsoonSession pic.twitter.com/6h8a79dFO4
— सह्याद्री बातम्या (@ddsahyadrinews) July 19, 2021
१. प्रातःकाल लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के पश्चात नए सदस्यों का शपथ ग्रहण संपन्न हुआ ।इसके उपरांत जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए मंत्रियों का परिचय कराने के लिए खडे हुए, विपक्ष ने हंगामा करना आरंभ कर दिया । प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की घोषणाबाजी में ही अपने नए मंत्रियों का परिचय करवाया ।
२. इस समय विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, किसान आंदोलन एवं पेगासस सहित विभिन्न विषयोंपर घोषणाबाजी आरंभ की । तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे तो लगता था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा; क्योंकि बडी संख्या में महिलाओं, दलितों, आदिवासियों एवं किसान परिवारों के सांसदों को मंत्री बनाया गया है । मुझे उनका परिचय देते हुए आनंद हो रहा है; परंतु, अधिकतर महिलाओं, दलितों, ओबीसी एवं किसानों के पुत्रों से यह देखा नहीं जा रहा है । ये लोग उनका परिचय भी नहीं करने दे रहे है।”
३. जब सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस से संबंधित आरोपों का उत्तर दे रहे थे, तब विपक्ष दलों द्वारा गदर बढाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी ।
क्या है ‘पेगासस’ प्रकरण ?अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘द गार्जियन’ एवं ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने एक ब्योरा प्रसारित किया है कि भारत के अनेक पत्रकारों, केंद्रीय मंत्रियों, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के दूरभाष रिकार्ड(टैप) कर उनकी जासूसी की गई है । ब्योरे में दावा किया गया है कि इजराइल स्थित एक प्रतिष्ठान के माध्यम से ‘पेगासस’ नामक एक विशेष संगणकीय प्रणाली (कंप्यूटर सिस्टम) का जासूसी करने के लिए प्रयोग किया गया है। |
‘पेगासस’ से संबंधित ब्योरा गलत है ! – केन्द्रीय सरकार
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में कहा, “यह संयोग नहीं हो सकता कि संसद के वर्षाकालीन सत्र से एक दिन पूर्व ही इस प्रकार का ब्योरा प्रकाशित किया जाता है । संबंधित ब्योरे में स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया गया है कि दूरभाष क्रमांकों के माध्यम से डेटा हैक किया गया था । समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित ब्योरे से ‘ध्यान रखा गया है’ यह सिद्ध नहीं हो सकता । इजराइली प्रतिष्ठान, ‘एनएसओ’ ने भी कहा है कि ‘यह ब्योरा पूर्णतः असत्य एवं आधारहीन है ।’ दूरभाष क्रमांकों से जोडे गए व्यक्तियों के भ्रमणभाष ‘पेगासस’ नामक संगणकीय प्रणाली के माध्यम से हैक करने का प्रयास किया गया था, इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है । इसलिए दिए गए दूरभाष क्रमांक वास्तविक रूप में हैक कर दिए थे क्या ? यह प्रमाणित नहीं होता है । हमारे देश के शक्तिशाली संस्थाओं में जासूसी अथवा अवैध रूप से निगरानी करना कदापि संभव नहीं है ।”
सांसदों ने कठिन से कठिन प्रश्न पूछने चाहिए ! – प्रधानमंत्री मोदी का आवाहन
सत्र आरंभ होने के पूर्व संसद परिसर में प्रसार माध्यमों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं सभी सांसदों से कठिन से कठिन प्रश्न पूछने का अनुरोध करता हूं । वे कितनी ही बार प्रश्न पूछें, तो भी वह स्वीकार्य होगा; परंतु शांति बनाए रखते हुए सरकार को भी बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए । अधिवेशन में प्रभावी चर्चा होनी चाहिए । इससे जनता को जानकारी प्राप्त होती है । देश की प्रगति की गति बढती है । देश की जनता उत्तर चाहती है तथा वह देने के लिए सरकार तैयार है ।
‘बाहु’बली बनें !
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से इस समय टीकाकरण करने का आवाहन करते हुए कहा, मैं अपेक्षा करता हूं कि सभी ने कोरोना टीके की एक खुराक ले ली होगी ।जब बाहों पर टीकाकरण किया जाता है, तब आप ‘बाहु’बली बन जाते हो । कोरोना काल में बाहुबली बनने की यही एकमात्र पद्धति है । कोरोना के विरुद्ध अब तक ४० करोड लोग ‘बाहुबली’ बन चुके हैं । आगे भी यह कार्य तीव्र गति से होना चाहिए ।