कोयम्बटूर (तमिलनाडू) में तालाब किनारे के १०० वर्ष प्राचीन मंदिर के साथ ७ मंदिर नगरपालिका ने तोड दिये !

हिंदू संघटनों की ओर से प्रदर्शन !

तमिलनाडू में नास्तिकतावादी द्रविड मुन्नेत्र कडगम (द्रविड प्रगती संघ) पार्टी की सरकार होने से ऐसी घटनाएं होने में क्या आश्चर्य ? द्रमुक पार्टी कभी भी अन्य धर्मियों के अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्यवाही करने का साहस दिखाएगी क्या ?

कोयम्बटूर (तमिलनाडू) – यहां की नगरपालिका ने मुथन्ननकुलम् तालाब के किनारे पर स्थित ७ मंदिरों को तोडने के बाद हिंदूओं की ओर से विरोध किया जा रहा है । हिंदू मुन्नानी (हिंदू मोर्चा) संघङ्गन के कार्यकर्ताओं ने १६ जुलाई को नगरपालिका कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किए । विश्व हिंदु परिषद ने भी आंदोलन कर इस कार्यवाही का विरोध किया है । गिराए गए मंदिरों में एक मंदिर १०० वर्ष प्राचीन था । नगरपालिका ने दावा किया है कि, यह मंदिर अतिक्रमण कर बनाए गए थे । यहां स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत तालाब का सुंदरीकरण करने के लिए यह मंदिर तोडे गए हैं । (स्मार्ट सिटी के नाम पर चैत्नय प्रदान करने वाले मंदिर गिराने वाला हिंदुद्रोही प्रशासन ! स्मार्ट सिटी स्वच्छ और संदर होगी; लेकिन चैतन्य प्रदान करने वाले मंदिर वहां नही होंगे, तो ऐसे शहर किस काम के ? – संपादक)

हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कदेश्वर सुब्रम्हण्यम् के कहा, ‘‘ जब पी.वी. नरसिंहाराव प्रधानमंत्री थे तब उन्होने संसद में एक अधिनियम पारित किया था । उसके अनुसार ७५ वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिर तोडने पर प्रतिबंध लगाया था; लेकिन कोयम्बटूर नगरपालिका ने १०० वर्ष प्राचीन मंदिर तोडा है । यहां का तिरुपूर जिलाधिकारी कार्यालय के साथ कुछ सरकारी कार्यालय हिंदूओं के मंदिरों की भूमी पर बनाए गए हैं । (प्रशासन ने इसका उत्तर देना चाहिए ! – संपादक) इस कारण इन्हे अब हटाना चाहिए ।’’