कोरोना काल में कांवड यात्रा के लिए अनुमति क्यों दी गयी है ?
नई देहली – कांवड यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमति प्रदान करने का सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लिया है तथा केंद्र, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा है । इस पर अगली सुनवाई १६ जुलाई को होगी । न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली न्यायपीठ ने आपत्ति उठाकर नोटिस जारी किया । विशेष बात है कि भाजपा शासित उत्तराखंड सरकार ने कांवड यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है । विगत वर्ष भी उत्तराखंड सरकार ने कांवड यात्रा पर रोक लगा दी थी ।
कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को भेजा नोटिस https://t.co/fnbSZyt565
— India TV Hindi (@IndiaTVHindi) July 14, 2021
१. इस वर्ष २५ जुलाई से उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा आरंभ होगी । उसे कुछ शर्तों के साथ सरकार द्वारा अनुमति दी गई है । उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति के पश्चात उत्तराखंड सरकार ने भी अनुमति नकारने के अपने निर्णय का पुनर्विचार करने की बात की थी । ‘कांवड यात्रा अनेक राज्यों से जुडी हुई है । इसलिए, हम इन राज्यों के साथ चर्चा करने के पश्चात निर्णय लेंगे’, ऐसा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है ।
२. न्यायालय ने कहा, हमें समाचार पत्र से पता चला है कि उत्तर प्रदेश ने कांवड यात्रा की अनुमति दी है, जबकि उत्तराखंड सरकार ने पूर्वानुभव के आधार पर अनुमति देना अस्वीकार किया है । हम ज्ञात करना/जानना चाहते हैं कि संबंधित राज्यों की निश्चित भूमिका क्या है ? भारत के नागरिक पीडित हैं । उन्हें यह भी नहीं पता कि क्या हो रहा है । वहीं देश के प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘कोरोना के संबंध में थोडी भी लापरवाही नहीं कर सकते’ । हम केंद्र, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर रहे हैं ।