आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे कश्मीर प्रशासन के ११ कर्मचारी निलंबित !

हिजबुल मुजाहिदीन नेता सैयद सलाहुद्दीन के दो पुत्र भी सम्मिलित हैं !

कुपवाडा के १ कर्मचारी के लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी होना स्पष्ट !

आतंकवादियों को सुरक्षाबलों की गतिविधियों की जानकारी दी जा रही थी, साथ ही आतंकियों को आश्रय भी दिया जा रहा था !

  • इतने वर्षों से किसी का ध्यान कैसे नहीं गया कि प्रशासन में आतंकवादी सरकारी नौकरी कर रहे हैं ? या इसे अनदेखा किया गया ? भारत विश्व का एकमात्र देश है, जहां ऐसा होता है ! यह वर्तमान शासकों के लिए लज्जास्पद है !
  • इससे स्पष्ट है, कि कश्मीर को आतंकियों ने कितना खोखला कर दिया  है ! इसलिए लोगों को लगता है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह प्रत्येक  सरकारी कर्मचारी की पृष्ठभूमि की गुप्त जांच करें एवं तदनुसार दोषियों को दंडित करे !
  • जहां देशद्रोह और आतंकवाद को लंबे समय तक शासन करने वाले धर्मांध शासकों द्वारा शरण दी गई है, वहां प्रशासन में आतंकवादी पाए जाते हैं ; तो इसमें आश्चर्य क्या है ? इस स्थिति को बदलने के लिए हिन्दू राष्ट्र की नितांत आवश्यकता है !
  • कश्मीर में स्थिति सुधारने के लिए अनुच्छेद ३७० को निरस्त करने का संवैधानिक मार्ग अपनाया गया था, किंतु अब और भी आगे जाकर आतंकवादियों के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई करना अनिवार्य है !
हिजबुल मुजाहिदीन नेता सैयद सलाहुद्दीन और सैयद अहमद शकील

श्रीनगर – आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे कश्मीर प्रशासन के ११ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है । इनमें जिहादी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दो पुत्र सम्मिलित हैं । कर्मचारी जम्मू-कश्मीर पुलिस, शिक्षा, कृषि, कौशल विकास, ऊर्जा और स्वास्थ्य विभागों के हैं । उन्हें संविधान के अनुच्छेद ३११ के अनुसार निलंबित कर दिया गया है । उनके पास इस कार्रवाई के विरुद्ध  हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका करने का विकल्प है ।

१. राष्ट्रीय अन्वेषण यंत्रणा की एक जांच में पाया गया, कि सलाहुद्दीन के दो पुत्र, सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ, आतंकवाद को वित्तपोषित कर रहे थे । अधिकारियों ने कहा कि, दोनों धन की व्यवस्था करने, धन स्वीकार करने और हवाला के जरिए हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन हस्तांतरण करने में सम्मिलित थे ।

२. इन ११ कर्मचारियों में से कुपवाडा के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत एक कर्मचारी भी जिहादी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य पाया गया । उसे सुरक्षा बलों की गतिविधियों के संबंध में आतंकवादियों को सूचित करने के साथ-साथ आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करने का काम सौंपा गया था ।

३. यह भी पाया गया कि अनंतनाग जिले के २ शिक्षक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित थे ।