म्यानमार में सेना का विरोध करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर अत्याचार

  • १५७ स्वास्थ्य कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया

  • ५१ अस्पतालों पर सेना का पूर्ण नियंत्रण

  • वैक्सिनेशन रुका !

म्यानमार में सेना के दमन को देखते हुए वहां मानवाधिकार अस्तित्व में नही, यह स्पष्ट होता है ! इस विषय में विश्व में मानवाधिकार संघठन चुप क्यों है ?

यांगून (म्यानमार) – म्यानमार में सेना ने तख्तापलट कर सत्ता स्वयं के नियंत्रण में लेने से जनता की ओर से विरोध किया जा रहा है । विरोध करने वालों पर सेना और पुलिस की ओर से अत्याचार किए जा रहे हैं । स्वास्थ्य कर्मचारियों की ओर से भी सेना का विरोध होने पर अब उन्हें भी देशद्रोही कहकर मारा जा रहा है । ऐसे ४०० डॉक्टर्स और १८० परिचारिकाओं के विरोध में गिरफ्तारी का वॉरेंट निकाला गया है । अभी तक १५७ स्वास्थ्य कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है । मरीजों पर उपचार होते समय भी सैनिक और पुलिस अस्पताल में घुसकर डॉक्टर्स और परिचारिकाओं को मार रहे हैं । डॉक्टर और परिचारिका पर कर्तव्य न निभाने और देशद्रोह के आरोप में परिवाद भरे जा रहे हैं । उनकी हत्या भी की जा रही है । इससे कोरोना वैक्सिनेशन रुक गया है ।