मुसलमानों की बढती जनसंख्या को देखते हुए आसाम के मुख्यमंत्री ने १५० मुसलमान नेताओं से की चर्चा !

चर्चा से इस प्रश्न का हल निकलेगा, ऐसी अपेक्षा नहीं कर सकते । इसके लिए समान नागरिक कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना आवश्यक है !

नई दिल्ली – आसाम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुसलमानों की बढती जनसंख्या को देखते हुए १५० मुसलमान नेताओं से ४ जुलाई के दिन चर्चा की । मुख्यमंत्री सरमा ने पिछले माह में ही बताया था कि, सरकार केवल २ बच्चों वाले परिवार को ही सरकारी योजनाओं का लाभ देगी । इसका महत्व उन्होंने इस चर्चा में इन नेताओं को बताने का प्रयास किया ।

मुख्यमंत्री सरमा ने चर्चा के पहले पत्रकारों से बात करते समय बताया था कि, पिछले माह में मैने ‘ऑल आसाम मायनॉरिटी स्टुडेंट्स युनियन’ के लोगों से बात की । प्रत्येक ने बताया, ‘जनसंख्या एक समस्या है और उसे हल करने की आवश्यकता है ।’ आसाम में इस विषय पर कोई विवाद नहीं है । लोगों को इसकी गंभीरता ध्यान में नहीं आती और उन्हें लगता है कि, भाजपा केवल विवाद निर्माण कर रही है । कोई तो गरीबी दूर करने का प्रयास कर रहा है, यह देखते हुए लोगों को इन प्रयासों का स्वागत करना चाहिए । सरकार अल्प संख्यकों को शिक्षा देने का प्रयास कर रही है । राज्य में प्रतिवर्ष मुसलमानों की जनसंख्या २९ प्रतिशत से बढ रही है, तो हिंदुओं की जनसंख्या केवल १० प्रतिशत बढ रही है । इस कारण ही मुसलमानों की जनसंख्या पर नियंत्रण रखने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है । इसीलिए ही मुसलमान नेताओं से चर्चा कर उन्हें लोगों के बीच जाकर इसके लिए प्रयास करने का आवाहन किया जाएगा । इस समस्या पर दो बच्चों की संकल्पना ही योग्य है । इससे राज्य के गरीब और अशिक्षित मुसलमानों की संख्या कम कर सकते हैं ।