चर्चा से इस प्रश्न का हल निकलेगा, ऐसी अपेक्षा नहीं कर सकते । इसके लिए समान नागरिक कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना आवश्यक है !
नई दिल्ली – आसाम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुसलमानों की बढती जनसंख्या को देखते हुए १५० मुसलमान नेताओं से ४ जुलाई के दिन चर्चा की । मुख्यमंत्री सरमा ने पिछले माह में ही बताया था कि, सरकार केवल २ बच्चों वाले परिवार को ही सरकारी योजनाओं का लाभ देगी । इसका महत्व उन्होंने इस चर्चा में इन नेताओं को बताने का प्रयास किया ।
Tomorrow I'm going to meet 150 Muslim intellectuals. During last 1 month, I met both fractions of All Assam Minority Students' Union & everybody has said that population is a problem & we need to resolve it. In Assam, there is no controversy: Assam CM Himanta Biswa Sarma (03.07) pic.twitter.com/GsFYDlmEnq
— ANI (@ANI) July 3, 2021
मुख्यमंत्री सरमा ने चर्चा के पहले पत्रकारों से बात करते समय बताया था कि, पिछले माह में मैने ‘ऑल आसाम मायनॉरिटी स्टुडेंट्स युनियन’ के लोगों से बात की । प्रत्येक ने बताया, ‘जनसंख्या एक समस्या है और उसे हल करने की आवश्यकता है ।’ आसाम में इस विषय पर कोई विवाद नहीं है । लोगों को इसकी गंभीरता ध्यान में नहीं आती और उन्हें लगता है कि, भाजपा केवल विवाद निर्माण कर रही है । कोई तो गरीबी दूर करने का प्रयास कर रहा है, यह देखते हुए लोगों को इन प्रयासों का स्वागत करना चाहिए । सरकार अल्प संख्यकों को शिक्षा देने का प्रयास कर रही है । राज्य में प्रतिवर्ष मुसलमानों की जनसंख्या २९ प्रतिशत से बढ रही है, तो हिंदुओं की जनसंख्या केवल १० प्रतिशत बढ रही है । इस कारण ही मुसलमानों की जनसंख्या पर नियंत्रण रखने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है । इसीलिए ही मुसलमान नेताओं से चर्चा कर उन्हें लोगों के बीच जाकर इसके लिए प्रयास करने का आवाहन किया जाएगा । इस समस्या पर दो बच्चों की संकल्पना ही योग्य है । इससे राज्य के गरीब और अशिक्षित मुसलमानों की संख्या कम कर सकते हैं ।