भारत विरोधी एवं मोदी विरोधी विचारधारा का संवाददाता चाहिए ! – ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ का विज्ञापन

  • सत्ता परिवर्तन करने में सहायता करने की भी अपेक्षा !

  • देहली में ही होगी नियुक्ति !

  • इस पद के लिए कल आधुनिकतावादी, साम्यवादी, कांग्रेसवाले आदि आवेदन करें, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा !
  • जानबूझकर भारतद्वेषी लेखन करनेवाले  ऐसे विदेशी दैनिक समाचारपत्र पर भारत में स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा देना चाहिए ! केंद्र सरकार को ऐसा साहस दिखाना चाहिए !
  • क्या न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीन, रूस, सऊदी अरब, फ्रांस आदि देशों के संदर्भ में ऐसा विज्ञापन देने का साहस दिखाया है ?सरकार को इस तथ्य की अनदेखी नहीं करनी चाहिए कि अमेरिका का ट्विटर एवं फेसबुक ये सामाजिक माध्यम एवं अब दैनिक न्यूयॉर्क टाइम्स यह प्रसार माध्यम भारत विरोधी कार्यवाहियां कर रहे हैं  । इसलिए ऐसे माध्यमों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध तथा जनता द्वारा बहिष्कार करना ही देशहित में है !

नई देहली – अमेरिकी दैनिक ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने संवाददाता के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया है, जिसमें ‘भारत विरोधी एवं मोदी विरोधी’ विचारधारा होना यह पात्रता का मानदंड रखा गया है । यह विज्ञापन १ जुलाई को प्रकाशित किया गया है । यह विज्ञापन दक्षिण एशियाई उद्योग से संबंधित समाचार संकलित करने के पद के लिए है तथा इसमें उल्लेख किया गया है कि काम देहली से करना होगा ।

इस विज्ञापन में लिखे सूत्र

१. वह भारत सरकार के विरुद्ध लिखनेवाला एवं सत्ता परिवर्तन में सहायता करनेवाला होना चाहिए ।

२. इस में यह निवेदन किया गया है कि, भारत जनसंख्या की तुलना में चीन को टक्कर दे रहा है तथा जागतिक स्तर पर वह बडा बनने की महत्वाकांक्षा रखता है ।

३. इसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा चीन का विरोध एक नाटक है । यह नाटक सीमा पर एवं दोनों देशों की राजधानियों में चल रहा है ।

चीन द्वारा अमेरिकी दैनिकों को दिए जाते हैं करोडों रुपए के विज्ञापन !

विगत ४ वर्षों में चीन ने अमेरिकी दैनिकों को भारतीय मुद्रा के अनुसार १४२ करोड रुपए के विज्ञापन दिए हैं ।इसमें ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को ४४ करोड ७३ लाख रुपए, ‘ वाशिंग्टन   पोस्ट’ को ३४ करोड २९ लाख रुपए एवं ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ को ३ करोड ७२ लाख रुपए का भुगतान किया गया है । इसके अतिरिक्त, अन्य भी अनेक दैनिक समाचार पत्रों को चीन द्वारा विज्ञापन दिए जा रहे हैं । (इसीलिए ये दैनिक समाचार पत्र चीन को बिके हुए हैं तथा भारत विरोधी लेखन कर रहे हैं । इससे ध्यान में आता है कि अमेरिकी दैनिक पीत पत्रकारिता कर रहे हैं ! ऐसे दैनिकों को भारत में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए ! – संपादक)