कोरोना से मरने वालों की संख्या बढती ही जाएगी, अत: प्रत्येक परिवार को ४ लाख रुपये नहीं दिये जा सकते !

उच्चतम न्यायालय में सरकार का दूसरा प्रतिज्ञापत्र !

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

नई दिल्ली – देश में अब तक ३.८५ लाख से अधिक रोगियों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है । कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या बढती रहेगी और प्रत्येक परिवार को ४ लाख रुपये देना संभव नहीं है, क्योंकि, सरकार की वित्तीय सीमाएं हैं । इसलिए, केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक और प्रतिज्ञा-पत्र प्रस्तुत किया है । केंद्र के पहले प्रतिज्ञा-पत्र के उपरांत  उच्चतम न्यायालय ने दूसरा प्रतिज्ञा-पत्र प्रस्तुत करने को कहा था । इससे पहले, प्रथम प्रतिज्ञा-पत्र में कहा गया था, कि केंद्र सरकार ४ लाख रुपये नहीं दे सकती ।

एक अन्य प्रतिज्ञा-पत्र में केंद्र सरकार ने कहा है, ‘कि इस तरह के क्षति पूर्ति  का भुगतान राज्य आपदा प्रबंधन कोष से किया जाता है ; यदि प्रत्येक मृत्यु के लिए ४ लाख रुपये तय किए जाते हैं, तो राज्य निधि समाप्त हो जाएगी । इससे कोरोना समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटना भी कठिन हो जाएगा ।’

दिसंबर मास तक २१६ करोड नहीं, अपितु १३५ करोड डोज ही मिलेंगी ! – केंद्र सरकार का नया दावा

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

केंद्र की ओर से उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत एक अन्य प्रतिज्ञा-पत्र में कहा गया है, कि इस वर्ष दिसंबर तक कोरोना टीके की १३५ करोड डोज हाई उपलब्ध होंगी । इससे पहले, मई में पूरे देश में टीकों की कमी हो गई थी । उस समय सरकार ने दावा किया था कि ३१ दिसंबर तक २१६ करोड डोज उपलब्ध हो जाएंगे ।

केंद्र सरकार ने पहले कोविशील्ड, कोव्हॅक्सिन, बायो-ई सब यूनिट, जाइडस कैडिला डीएनए, नोवावैक्स, भारत बायोटेक नेज़ल वैक्सीन, जेनोवा बायोफार्मा और स्पुतनिक-वी वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी दी थी । अब, एक अन्य प्रतिज्ञा-पत्र में सरकार ने केवल कोविशील्ड, कोव्हॅक्सिन, बायो-ई सब यूनिट वैक्सीन, जायडस कैडिला डीएनए और स्पुतनिक-वी पर टिप्पणी की है ।